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Up Kiran, Digital Desk: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर पहुँचे। उनका यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि वह यहाँ 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM-Plus) में हिस्सा लेंगे। इस बैठक में भारत, चीन, अमेरिका और रूस समेत कुल 18 देशों के रक्षा मंत्री हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समुद्री सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

क्या है इस बैठक का एजेंडा?

यह बैठक एक ऐसा बड़ा अंतरराष्ट्रीय मंच है जहाँ दुनिया की बड़ी ताकतें एक साथ मिलकर आपसी रक्षा सहयोग और सुरक्षा चुनौतियों पर बात करती हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, राजनाथ सिंह इस बैठक में भारत का दृष्टिकोण रखेंगे और इस बात पर जोर देंगे कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने और आतंकवाद जैसी साझा चुनौतियों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करने की ज़रूरत है।

खासकर, दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी और समुद्री व्यापार के रास्तों को खुला और सुरक्षित रखने जैसे मुद्दे इस चर्चा के केंद्र में रहने की उम्मीद है।

द्विपक्षीय बैठकों का दौर: ADMM-Plus की मुख्य बैठक के अलावा, राजनाथ सिंह इस दौरे पर सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ अलग से द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। इन बैठकों में वह आपसी रक्षा संबंधों को और मज़बूत करने और हथियार एवं सैन्य तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।

उनकी यह यात्रा भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति (Act East Policy) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके तहत भारत दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों (आसियान) के साथ अपने संबंधों को और गहरा करने पर ज़ोर दे रहा है।

क्या है ADMM-Plus: ADMM-Plus 10 आसियान देशों (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) और उनके 8 सहयोगी देशों (भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) का एक संगठन है। यह इस क्षेत्र में शांति और विकास के लिए बातचीत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण मंच माना जाता है।

राजनाथ सिंह का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पूरी दुनिया की नज़रें हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर टिकी हैं, और भारत इस क्षेत्र में एक शांतिदूत और स्थिर शक्ति के रूप में अपनी भूमिका को लगातार मजबूत कर रहा है।