
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज एयरबेस से एक अहम बयान देते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आशंका जताई कि कुछ वैश्विक वित्तीय संस्थाएं अनजाने में उन देशों को सहायता प्रदान कर रही हैं, जिनका उपयोग आतंकवाद को समर्थन देने में हो सकता है।
भुज एयरबेस पर आयोजित एक कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा, "हमने देखा है कि कुछ देश अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को शांति प्रिय दिखाते हैं, लेकिन पीछे से आतंक को पोषित करते हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मिलने वाला फंड कहीं आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न हो।"
उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब हर प्रकार के खतरे से निपटने में सक्षम है। "अगर जरूरत पड़ी, तो भारत सिर्फ 23 मिनट में दुश्मन को जवाब देने में सक्षम है," इस बयान के साथ उन्होंने देश की सैन्य शक्ति और तैयारियों का संदेश भी दिया।
रक्षा मंत्री ने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि कुछ राष्ट्र वैश्विक वित्तीय संस्थाओं से मदद लेकर उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं, और यह खतरा सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी गंभीर है।
राजनाथ सिंह के इस बयान को देश की रणनीतिक नीति के एक स्पष्ट संकेत के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विदेश नीति अब केवल प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक और सक्रिय है।
कार्यक्रम में उन्होंने देश के रक्षा क्षेत्र में हो रहे आत्मनिर्भरता के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि भारत अब सिर्फ आयातक नहीं, बल्कि रक्षा उपकरणों का निर्यातक भी बन रहा है।
इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा दी है और अब निगाहें IMF और अन्य वैश्विक संस्थाओं की प्रतिक्रियाओं पर टिकी हैं।
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