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                                                Up Kiran, Digital Desk: रक्षाबंधन के पर्व पर जब देशभर में बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध रही थीं, उस समय बिहार की राजनीति में एक भावनात्मक संदेश ने नई हलचल पैदा कर दी। नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस विशेष मौके पर बिहार की महिलाओं को संबोधित करते हुए एक मार्मिक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सिर्फ बधाई नहीं दी, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र अपने इरादे और योजनाओं को भी साझा किया।
महिलाओं को बना रहे हैं राजनीतिक परिवर्तन की धुरी
इस पत्र के जरिए तेजस्वी यादव ने महिलाओं को अपनी राजनीतिक मुहिम का केंद्र बनाने का प्रयास किया। उन्होंने बहनों से आग्रह किया कि जैसे वे अपने भाइयों को राखी बांधती हैं, वैसे ही इस बार उन्हें "तेजस्वी भाई" को भी एक राखी और एक वोट समर्पित करना चाहिए। उनका तर्क था कि एक भाई की तरह वे हर बहन की सुरक्षा, सम्मान और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध हैं।
योजनाओं की झलक: महिलाओं को केंद्र में रखकर वादों की झड़ी
तेजस्वी ने यह स्पष्ट किया कि यदि महागठबंधन की सरकार बनती है, तो महिलाओं के लिए कई योजनाएं लागू की जाएंगी। इनमें प्रमुख हैं:
‘बेटी कार्यक्रम’, जो बेटी के जन्म से लेकर उसकी कमाई तक का ख्याल रखेगा।
‘माई-बहन योजना’, जिसके तहत हर महिला को ₹2500 मासिक सहायता मिलेगी।
विधवा, बुजुर्ग और दिव्यांग महिलाओं के लिए पेंशन को ₹1500 तक बढ़ाने का वादा।
₹500 में गैस सिलेंडर, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, बेटियों के लिए आवासीय कोचिंग संस्थान, खेल प्रशिक्षण, और मुफ्त परीक्षा फॉर्म और यात्रा सुविधा।
नीतीश सरकार पर तीखा हमला
अपने पत्र में तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीते 20 वर्षों में बिहार को सिर्फ दिखावे की योजनाएं और वादाखिलाफी ही मिली है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 20 साल में कुछ नहीं किया, वे अब 20 दिनों में सब कुछ करने का वादा कर रहे हैं – यह एक 'राजनीतिक मज़ाक' है।
भ्रष्टाचार और लूट के खिलाफ सख्त रुख
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ₹70,000 करोड़ के कथित घोटाले की जांच कर उन पैसों को महिलाओं के लिए "रक्षाबंधन शगुन" के रूप में खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बिहार की जनता ऐसी नकारात्मक और विभाजनकारी सरकार को सबक सिखाए।
भावनात्मक अपील के साथ अंत
पत्र के अंत में तेजस्वी ने कहा कि बहनों का आशीर्वाद ही उन्हें वह ऊर्जा देता है जो बिहार को देश का नंबर एक राज्य बनाने के उनके सपने को साकार कर सके। उन्होंने आशा जताई कि बहनें उनके साथ खड़ी होंगी और इस बार केवल रक्षाबंधन नहीं, एक राजनीतिक बदलाव का पर्व भी बनाएंगी।
 
                    
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