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उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने उनका पूरा बयान सुने बिना ही उस पर प्रतिक्रिया दे दी और ट्वीट कर दिया।

यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब रामगोपाल यादव का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस बयान को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से ट्वीट कर रामगोपाल पर निशाना साधा। सीएम ने इसे “निंदनीय” और “उत्तर प्रदेश के शांतिपूर्ण वातावरण को खराब करने की कोशिश” बताया।

रामगोपाल यादव ने पलटवार करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री ने मेरा पूरा बयान सुना ही नहीं। उनके पास समय नहीं है, वे केवल आधी जानकारी पर ट्वीट कर देते हैं। जो मैंने कहा, उसका संदर्भ पूरी तरह से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।” उन्होंने आगे कहा, “आज उत्तर प्रदेश में जाति और धर्म के आधार पर अत्याचार हो रहा है। दलितों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। सत्ता में बैठे लोग इन मुद्दों को नजरअंदाज कर रहे हैं।”

रामगोपाल ने कहा कि उनका बयान सामाजिक न्याय और प्रशासन की निष्पक्षता को लेकर था, न कि किसी विशेष धर्म या समुदाय के खिलाफ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार केवल विपक्ष की आवाज दबाने के लिए इस तरह के आरोप गढ़ रही है।

इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी जहां रामगोपाल के बचाव में उतर आई है, वहीं बीजेपी नेताओं ने उनके बयान को “भड़काऊ” और “विभाजनकारी” बताया है।

विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले इस तरह की बयानबाज़ी राज्य में राजनीतिक माहौल को और तनावपूर्ण बना सकती है। अब देखना यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ इस विवाद पर आगे क्या रुख अपनाते हैं।

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