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अयोध्या में 5 जून 2025 को राम मंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह ऐतिहासिक महत्व का रहा।  इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम दरबार और मंदिर परिसर के आठ देव विग्रहों की विधिपूर्वक प्राण प्रतिष्ठा की।  यह आयोजन विशेष रूप से गंगा दशहरा के दिन हुआ, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। 

समारोह का आरंभ 3 जून को कलश यात्रा से हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने सरयू नदी से जल लेकर मंदिर तक यात्रा की।  इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चारण और धार्मिक अनुष्ठान किए गए।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 जून को विशेष मुहूर्त में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की।  इसमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान और अन्य देवताओं की मूर्तियों को विधिपूर्वक प्रतिष्ठित किया गया। 

इस आयोजन में देशभर से आए संत-महात्माओं और श्रद्धालुओं ने भाग लिया।  मंदिर परिसर को फूलों और दीपों से सजाया गया था, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया।  सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। 

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक गौरव को भी पुनः स्थापित करती है।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि यह आयोजन रामराज्य की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।  उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जिनके नेतृत्व में यह सपना साकार हुआ। 

इस ऐतिहासिक आयोजन ने अयोध्या को एक बार फिर से धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित किया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। 

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