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भारतीय संविधान के निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पूरे देश में 7 दिसंबर को मनाई गई। इस दौरान पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित हुए। लोगों ने अंबेडकर के योगदान को याद कर उन्हें नमन किया। लेकिन उप्र के बदायूं जनपद के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में कुछ ऐसा हुआ, जिस पर खूब हंगामा हुआ।

बवाल है एक स्टूडेंट द्वारा दिए गए भाषण को लेकर, जिसने भीमराव अंबेडकर की तारीफ करते हुए हिंदू धर्म के धार्मिक ग्रंथ रामायण और गीता पर ऐसा बयान दिया कि सामने बैठे उसके साथी छात्र भी गुस्से से लाल हो गए और जब इस भाषण का वीडियो सामने आया तो मामला तूल पकड़ने लगा।

दरअसल इंटरनेट पर वायरल वीडियो सहसवान पॉलिटेक्निक कॉलेज के एक छात्र का है, जो शिक्षकों की मौजूदगी में भाषण दे रहा। इसी दौरान उसने गीता और रामायण का जिक्र करते हुए कहा कि देश किसी रामायण, किसी गीता से नहीं चलता। ये देश मेरे बाबा साहेब के बनाए संविधान से चलता है।

संविधान के लिए बोलना तो ठीक था मगर हद तो तब हो गई जब छात्र ने भाषण धार्मिक ग्रंथों के विरोध में दिए। तब शिक्षक व अन्य छात्र मूकदर्शक बने रहे। शिक्षकों ने आपत्तिजनक भाषण पर कोई आपत्ति जाहिर नहीं की और न ही आरोपी छात्र का भाषण रोका। इतना ही नहीं छात्र ने कहा कि न राम ने कुछ किया और न ही श्रीकृष्ण ने कुछ किया। देश के लिए कुछ किया है तो बाबा साहब के संविधान ने किया है।

मामले पहुंचा पुलिस तक

वहीं जब मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस की एंट्री हुई। पुलिस ने बताया कि छात्र ने लिखित में माफी मांग ली है। सभी संतुष्ट हैं। कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई। वहीं छात्र ने माफी मांग ली। लेकिन सोशल मीडिया पर निरंतर ये वीडियो वायरल हो रहा है और लोग छात्र पर एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं।

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