
Up Kiran, Digital Desk: राणा नायडू का दूसरा सीज़न नेटफ्लिक्स पर आ गया है, और यह पहले से भी ज़्यादा डार्क और एक्शन से भरपूर है। राणा दग्गुबाती और वेंकटेश की दमदार जोड़ी एक बार फिर मुंबई के अंधेरे रहस्यों को सुलझाने लौटी है। लेकिन क्या यह सीज़न उम्मीदों पर खरा उतरता है?
एक्शन और थ्रिल का डबल डोज़
इस सीज़न में एक्शन और थ्रिल की कोई कमी नहीं है। राणा अब भी बॉलीवुड के अमीरों की गंदगी साफ़ करने वाले 'फिक्सर' हैं, और उनके रास्ते पहले से ज़्यादा खतरनाक हैं। राणा दग्गुबाती अपने किरदार में पूरी तरह से डूबे हुए लगते हैं, और वेंकटेश (नागा) भी अपने रोल में जमे हैं। अगर आपको डार्क और गंभीर क्राइम ड्रामा पसंद है, तो यह आपको बांधे रखेगा। प्रोडक्शन क्वालिटी शानदार है और मुंबई का स्याह पक्ष बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है।
कहाँ रह गई कमी?
लेकिन, जहाँ यह सीज़न एक्शन में बाज़ी मारता है, वहीं इमोशनल गहराई में पिछड़ जाता है। पहले सीज़न की सबसे बड़ी ताकत राणा और नागा के बीच का तनाव और पारिवारिक ड्रामा था, जो इस बार थोड़ा कमजोर लगता है। कहानी में कई सब-प्लॉट हैं जो मुख्य कहानी से ध्यान भटकाते हैं और उसे उलझा देते हैं। परिवार के बाकी सदस्यों के किरदार भी ठीक से उभर नहीं पाए हैं, जिससे दर्शक उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ नहीं पाते।
अंतिम फैसला
कुल मिलाकर, 'राणा नायडू सीज़न 2' एक मिला-जुला अनुभव है। अगर आप सिर्फ एक्शन, थ्रिल और दमदार एक्टिंग के लिए इसे देखना चाहते हैं, तो यह आपको निराश नहीं करेगा। लेकिन अगर आप पहले सीज़न जैसे गहरे पारिवारिक ड्रामे की उम्मीद कर रहे हैं, तो आपको थोड़ी निराशा हो सकती है। यह एक ऐसी घड़ी है जो मनोरंजन तो करती है, पर दिल को छूने से चूक जाती है।
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