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बॉलीवुड में कुछ सितारे ऐसे होते हैं जिनकी कहानियां न सिर्फ प्रेरणादायक होती हैं बल्कि यह भी दिखाती हैं कि मेहनत और धैर्य का कोई विकल्प नहीं होता। उन्हीं में से एक नाम है रणदीप हुड्डा, जिन्होंने बिना किसी गॉडफादर के इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई। हरियाणा के रोहतक में जन्मे रणदीप आज भले ही करोड़ों की संपत्ति के मालिक हों, लेकिन एक वक्त था जब उन्हें अपना गुजारा करने के लिए वेटर और टैक्सी ड्राइवर तक बनना पड़ा था।

खाली जेब से शुरू हुआ बड़ा सपना

रणदीप का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता पेशे से मेडिकल सर्जन हैं, जबकि मां एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। बहन डॉक्टर और भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। ऐसे परिवार में अभिनय का सपना देखना आसान नहीं था, लेकिन रणदीप ने अपने दिल की सुनी। पढ़ाई के बाद वह ऑस्ट्रेलिया चले गए, जहां पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने रेस्तरां में वेटर का काम किया और कैब ड्राइविंग भी की, ताकि खुद का खर्च उठा सकें।

ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद उन्होंने दिल्ली में मॉडलिंग शुरू की और यहीं से उन्हें पहला ब्रेक मिला मीरा नायर की फिल्म ‘मानसून वेडिंग’ (2001) में। हालांकि फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला, और रणदीप को अगली फिल्म के लिए चार साल इंतजार करना पड़ा।

एक्टिंग के जुनून में बेचना पड़ा घर और सामान

रणदीप ने खुद स्वीकार किया कि करियर के शुरुआती 11 साल बेहद मुश्किल थे। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि एक वक्त ऐसा भी आया जब उनके पास कोई काम नहीं था, और उन्हें अपनी कार बेचनी पड़ी। धीरे-धीरे उन्होंने अपने घर का सामान तक बेचना शुरू कर दिया, क्योंकि आय का कोई जरिया नहीं था। उन्होंने कहा कि कई बार उन्होंने खाली जेब के साथ दिन गुजारे, लेकिन हार नहीं मानी।

थिएटर से मिली मजबूती, फिल्मों में पहचान

रणदीप की बुनियाद थिएटर में रखी गई, जिसने उन्हें अभिनय का असली गुर सिखाया। अभिनय में निखार लाकर उन्होंने ‘वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई’, ‘साहेब बीवी और गैंगस्टर’, ‘मर्डर 3’, ‘हाईवे’, ‘सरबजीत’ और ‘सुल्तान’ जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय किया। हर किरदार को उन्होंने गंभीरता और दमदार स्क्रीन प्रेजेंस के साथ निभाया।

अब जी रहे हैं लग्जरी लाइफ

लंबे संघर्ष के बाद आज रणदीप हुड्डा न सिर्फ एक सफल अभिनेता हैं, बल्कि एक घुड़सवारी के शौकीन, पॉलिटिकल ड्रामा में एक्टिव और समाजसेवा से जुड़े नाम बन चुके हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी पार्टनर लिन लैशराम के साथ नए जीवन की शुरुआत की है और एक शांत, समर्पित और लग्जरी जिंदगी जी रहे हैं।

संघर्ष से सीख, सफलता का रास्ता

रणदीप की कहानी उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो बिना किसी मदद के सपनों को सच करना चाहते हैं। उन्होंने दिखाया कि अगर जिद हो, मेहनत हो और आत्मविश्वास बना रहे, तो सबसे कठिन रास्ता भी मंजिल तक पहुंचा सकता है।

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