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Up Kiran, Digital Desk:  भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को एक नया इतिहास रच दिया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 440 अंक उछलकर 79,243 के अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 128 अंक चढ़कर 24,044 के नए शिखर पर पहुंच गया।

इस तेजी के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। बाजार की यह चमक कुछ बड़े शेयरों तक ही सीमित रही, जबकि छोटे और मझोले (मिडकैप और स्मॉलकैप) शेयरों में गिरावट का दौर देखा गया।

तेजी के हीरो, और जो पिछड़ गए

इस शानदार तेजी के हीरो बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर के शेयर रहे। एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई जैसे दिग्गज शेयरों में जबरदस्त खरीदारी हुई। इसके अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी बाजार को ऊपर उठाने में बड़ी भूमिका निभाई।

वहीं दूसरी तरफ, एफएमसीजी, आईटी और ऑटो सेक्टर के शेयरों में बिकवाली का दबाव रहा। ब्रिटानिया, टाटा कंज्यूमर, मारुति और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।

बाजार का अंदरूनी हाल

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक 'नैरो रैली' (यानी कुछ ही शेयरों पर आधारित तेजी) थी। इसका सबूत यह है कि BSE पर बढ़ने वाले शेयरों (1,733) की तुलना में गिरने वाले शेयर (2,217) ज़्यादा थे। इसका मतलब है कि ज़्यादातर कंपनियों के शेयरों में आज मुनाफा नहीं हुआ। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भी बाजार से पैसा निकाला, जो यह दिखाता है कि वे अभी भी सतर्क हैं

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