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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका और रूस के बीच बढ़ते व्यापारिक तनावों के बीच रूस ने भारत को अमेरिकी दबाव से बाहर रखते हुए अपने ऊर्जा सहयोग को जारी रखने की बात कही है। रूस के एक वरिष्ठ राजनयिक, रोमन बाबुश्किन ने बुधवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि रूस भारत के साथ अपने ऊर्जा संबंधों को दृढ़ बनाए रखेगा, भले ही अमेरिका भारत पर रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद करने के लिए दबाव डाल रहा हो।
बाबुश्किन ने कहा, "हम मानते हैं कि भारत-रूस ऊर्जा सहयोग बाहरी दबावों के बावजूद जारी रहेगा।" उन्होंने यह भी बताया कि यह स्थिति भारत के लिए "चुनौतीपूर्ण" हो सकती है, मगर रूस को भारत के साथ अपनी साझेदारी पर पूरा भरोसा है। उनके अनुसार, दोनों देशों के बीच मजबूत और स्थिर संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।
रूस के वरिष्ठ राजनयिक ने इस विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा रूस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध केवल उन्हीं देशों को नुकसान पहुंचा रहे हैं जो यह प्रतिबंध लगा रहे हैं। "जो लोग प्रतिबंध लगा रहे हैं, वे खुद ही नुकसान उठाते हैं," बाबुश्किन ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ब्रिक्स देशों की भूमिका वैश्विक राजनीति में बढ़ेगी और यह उथल-पुथल के समय में स्थिरता लाने वाली एक अहम ताकत साबित होगी।
इसके साथ ही बाबुश्किन ने अमेरिका पर तंज कसते हुए कहा, "अगर आप अपने दोस्तों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं तो आपको यह समझना चाहिए कि दोस्त कभी एक-दूसरे पर इस तरह की पाबंदियां नहीं लगाते।" उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि रूस किसी भी हाल में भारत के साथ अपने ऊर्जा सहयोग को नुकसान नहीं पहुंचाएगा और इसके लिए जरूरी कदम पहले ही उठा लिए गए हैं।
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