Up Kiran, Digital Desk: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी 28 घंटे की भारत यात्रा पर गुरुवार दोपहर नई दिल्ली पहुँचेंगे। यह यात्रा उनके लिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह उनकी फरवरी 2022 में शुरू हुए यूक्रेन युद्ध के बाद पहली भारत यात्रा होगी। इस दौरान पुतिन भारत और रूस के रिश्तों को और भी मजबूत करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे। साथ ही, वह 23वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे।
पुतिन की भारत यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा के एक साल बाद हो रही है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को और भी सुदृढ़ बनाने का प्रतीक है।
पुतिन की भारत यात्रा में ये 10 अहम बातें हो सकती हैं:
पुतिन का आगमन: पुतिन गुरुवार शाम 4.30 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे। यहां वह सीधे प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर जाएंगे, जहां दोनों नेता एक रात्रिभोज में शामिल होंगे।
भारत-रूस शिखर सम्मेलन: शुक्रवार को पुतिन हैदराबाद हाउस में 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां उनका औपचारिक स्वागत होगा। इसके बाद, वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक विशेष दोपहर भोज में भी शामिल होंगे।
राजघाट की यात्रा: पुतिन राजघाट पर भी जाएंगे और वहां महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
नई भारत चैनल का शुभारंभ: पुतिन रूसी प्रसारक आरटी के नए भारत चैनल के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे।
राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात: पुतिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे, और उनके द्वारा आयोजित राजकीय भोज में शरीक होंगे।
भारत और रूस के रक्षा समझौते: पुतिन और मोदी के बीच महत्वपूर्ण रक्षा समझौतों पर चर्चा हो सकती है। रूस ने भारत को अपने अत्याधुनिक Su-57 विमान की पेशकश की है। इसके साथ ही, भारत को अतिरिक्त S-400 वायु रक्षा प्रणाली भी मिल सकती है।
यूक्रेन विवाद पर बातचीत: भारत और रूस के बीच यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हो सकती है। भारत हमेशा से यह मानता आया है कि इस विवाद को 'बातचीत और कूटनीति' के जरिए हल किया जाना चाहिए।
रूसी तेल की खरीद: भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर भी बातचीत हो सकती है। पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने रूस से तेल खरीदने में वृद्धि की है।
व्यापार समझौतों पर चर्चा: व्यापार एक और अहम मुद्दा होगा, जिसमें फार्मा, कृषि और उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की योजना है।
उर्वरक आपूर्ति: रूस भारत को सालाना 30 से 40 लाख टन उर्वरक की आपूर्ति करता है। इस क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की संभावना है।
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