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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल ही में हुई बातचीत के बाद, भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंधों को लेकर एक सकारात्मक खबर सामने आई है। एक रूसी अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत और रूस के बीच व्यापार पर कोई अतिरिक्त टैरिफ (no extra tariff) नहीं लगाया जाएगा। यह बयान ट्रंप और पुतिन की बातचीत के सकारात्मक परिणाम (positive outcome) को दर्शाता है, जिसने वैश्विक व्यापारिक माहौल में कुछ हद तक स्थिरता लाने का काम किया है।

भारत-रूस व्यापार संबंध: टैरिफ का मुद्दा सुलझा

रूसी अधिकारी ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच मौजूदा व्यापारिक समझौते और व्यवस्थाएं जारी रहेंगी, और किसी भी पक्ष द्वारा अतिरिक्त आयात शुल्क (additional import duties) लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है, क्योंकि रूस भारत के लिए एक प्रमुख ऊर्जा आपूर्तिकर्ता (energy supplier) है, और किसी भी प्रकार के टैरिफ से व्यापारिक लागत बढ़ सकती थी।

ट्रंप-पुतिन वार्ता का प्रभाव:

यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से ट्रंप और पुतिन के बीच हुई उच्च-स्तरीय वार्ता (high-level talks) के महत्व को भी रेखांकित करता है। हालांकि बातचीत के विशिष्ट विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन इस तरह के द्विपक्षीय संवाद वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्यों को प्रभावित करते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि इस बातचीत ने रूस को भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों पर टैरिफ या अन्य प्रतिबंधात्मक उपायों (tariffs or other restrictive measures) को लागू करने से हतोत्साहित किया है।

यह सुनिश्चित करता है कि भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए रूस पर निर्भर रह सकता है और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग (economic cooperation) बिना किसी बाधा के जारी रहेगा।

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