Up Kiran, Digital Desk: एसबीआई कार्ड (SBI Card) ने अपनी फीस संरचना और विभिन्न चार्जेस में बदलाव का ऐलान किया है, जो 1 नवंबर 2025 से लागू होंगे। इन बदलावों में प्रमुख रूप से शिक्षा से जुड़े भुगतान और वॉलेट लोडिंग पर बढ़े हुए चार्ज शामिल हैं। एसबीआई कार्ड के अनुसार, यह नए चार्ज कुछ थर्ड-पार्टी ऐप्स और 1000 रुपये से अधिक के वॉलेट टॉप-अप्स पर लागू होंगे। हालांकि, कैश पेमेंट, पेमेंट डिसऑनर, और लेट पेमेंट के चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
शिक्षा भुगतान पर 1% का ट्रांजेक्शन शुल्क
1 नवंबर 2025 से, यदि आप स्कूल, कॉलेज या अन्य शैक्षिक संस्थानों को थर्ड-पार्टी ऐप्स या एग्रीगेटर्स के माध्यम से भुगतान करते हैं, तो आपको 1% का ट्रांजेक्शन शुल्क देना होगा। यह शुल्क संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट या कैम्पस में पीओएस (POS) टर्मिनल के माध्यम से किए गए सीधे भुगतान पर लागू नहीं होगा। एसबीआई कार्ड की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, "थर्ड-पार्टी ऐप्स के जरिए किए गए शिक्षा भुगतान पर 1% का शुल्क लगेगा। हालांकि, सीधे संस्थान की वेबसाइट या पीओएस मशीन से भुगतान करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं होगा।" इसका प्रभाव उन यूजर्स पर पड़ेगा, जो पेटीएम या फोनपे जैसी ऐप्स के माध्यम से फीस का भुगतान करते हैं।
वॉलेट रिचार्ज पर बढ़े हुए चार्ज
एसबीआई कार्ड के अनुसार, 1 नवंबर 2025 से, 1000 रुपये से ज्यादा के हर वॉलेट रिचार्ज पर 1% शुल्क लागू होगा। उदाहरण के तौर पर, 2000 रुपये का वॉलेट रिचार्ज करने पर 20 रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यह शुल्क डिजिटल वॉलेट्स जैसे अमेज़न पे, फोनपे, और पेटीएम पर क्रेडिट कार्ड से पैसे लोड करने पर लागू होगा। छोटे रिचार्ज पर असर कम होगा, लेकिन बड़े ट्रांजेक्शन्स पर खर्च बढ़ेगा।
मौजूदा चार्जेस में कोई बदलाव नहीं
एसबीआई कार्ड के मौजूदा कुछ प्रमुख चार्जेस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इनमें कैश पेमेंट शुल्क 250 रुपये, पेमेंट डिसऑनर शुल्क 2% या न्यूनतम 500 रुपये, चेक पेमेंट शुल्क 200 रुपये और कैश एडवांस शुल्क 2.5% या न्यूनतम 500 रुपये शामिल हैं। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय एटीएम पर ट्रांजेक्शन शुल्क 2.5% और न्यूनतम 500 रुपये है। कार्ड रिप्लेसमेंट शुल्क 100 से 250 रुपये के बीच रहेगा।
लेट पेमेंट चार्ज
लेट पेमेंट पर शुल्क में भी बदलाव किए गए हैं। अगर न्यूनतम राशि नहीं चुकाई जाती, तो शुल्क इस प्रकार होगा:
0 से 500 रुपये: कोई शुल्क नहीं
500 से 1000 रुपये: 400 रुपये
1000 से 10,000 रुपये: 750 रुपये
10,000 से 25,000 रुपये: 950 रुपये
25,000 से 50,000 रुपये: 1,100 रुपये
50,000 रुपये से ऊपर: 1,300 रुपये
यूजर्स पर इन बदलावों का असर
ये नए बदलाव मुख्य रूप से डिजिटल लेन-देन करने वाले यूजर्स पर असर डालेंगे, खासकर उन युवाओं पर जो ऐप्स और वॉलेट्स के माध्यम से भुगतान करते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस कदम से उपयोगकर्ताओं को स्मार्ट और लागत-कुशल भुगतान विकल्प चुनने की स्वतंत्रता मिलेगी। एसबीआई कार्ड का कहना है कि यह बदलाव उनकी लागत प्रबंधन की रणनीति का हिस्सा हैं।
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