img

Up kiran,Digital Desk : भारतीय एथलेटिक्स जगत से एक चौंकाने वाली और शर्मनाक खबर सामने आई ਹੈ। एशियाई खेलों में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीत चुकीं दिग्गज डिस्कस थ्रोअर सीमा पुनिया डोपिंग के जाल में फंस गई हैं। 42 साल की इस अनुभवी एथलीट पर 16 महीने का प्रतिबंध लगाया गया ਹੈ, जो 10 नवंबर से लागू हो चुका ਹੈ।

यह खुलासा राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) द्वारा जारी की गई डोप अपराधियों की नई लिस्ट से हुआ है। यह सीमा के शानदार करियर पर एक बड़े धब्बे की तरह है, खासकर इसलिए क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब वह डोपिंग नियमों के उल्लंघन में फंसी हैं।

विवादों से भरा रहा है डोपिंग का इतिहास

यह तीसरा मौका है जब सीमा पुनिया का नाम डोपिंग विवाद में आया है। इससे पहले भी वह दो बार डोपिंग नियमों का उल्लंघन कर चुकी हैं, जिसमें से एक मामला उनके जूनियर करियर के दौरान का था। हालांकि, NADA ने अभी तक यह साफ नहीं किया ਹੈ ਕਿ सीमा किस प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन की दोषी पाई गई हैं, जिससे इस मामले पर सस्पेंस बना हुआ है।

एक नजर सीमा के शानदार करियर पर

सीमा पुनिया भारत की सबसे सफल ट्रैक एंड फील्ड एथलीटों में से एक रही हैं। उन्होंने देश को कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गौरवान्वित किया है।

  • एशियाई खेल: 2014 में इंचियोन में गोल्ड मेडल जीता था। हाल ही में 2023 के हांगझोउ एशियन गेम्स में उन्होंने कांस्य पदक भी जीता था।
  • कॉमनवेल्थ गेम्स: इन खेलों में उन्होंने कुल 4 पदक जीते हैं, जिनमें तीन सिल्वर मेडल शामिल हैं।
  • जूनियर लेवल: 2002 में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने अपने आगमन का ऐलान कर दिया था।

सिर्फ सीमा ही नहीं, कई और एथलीट भी नपे

NADA की लिस्ट में सीमा पुनिया अकेली नहीं हैं। उनके अलावा कई और भारतीय एथलीटों पर भी डोपिंग के कारण प्रतिबंध लगाया गया  जिनमें लंबी दूरी की धावक पूजा यादव (4 साल), शॉट पुट खिलाड़ी मंजीत कुमार (6 साल) और मैराथन धावक कुलदीप सिंह (4 साल) शामिल हैं।

सीमा पुनिया जैसे बड़े और अनुभवी खिलाड़ी का डोपिंग में पकड़ा जाना भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक बड़ा झटका है। इस घटना ਨੇ एक बार फिर से डोपिंग को रोकने के लिए बनाए गए सिस्टम और खिलाड़ियों की जागरूकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।