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Up Kiran, Digital Desk: बहुचर्चित 'स्नूपगेट' यानी फोन टैपिंग मामले में विशेष जांच दल (SIT) ने मुख्य आरोपी, निलंबित डीएसपी प्रणित राव से लगातार तीसरे दिन भी कड़ी पूछताछ की। शुक्रवार को बंजारा हिल्स स्थित एसआईटी कार्यालय में प्रणित राव से घंटों तक सवाल-जवाब किए गए।

प्रणित राव को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह अब तक न्यायिक हिरासत में थे। हाल ही में, अदालत ने उन्हें सात दिनों की एसआईटी हिरासत में भेजा है ताकि मामले की गहन जांच की जा सके।

एसआईटी की टीम प्रणित राव से यह जानने की कोशिश कर रही है कि वह किसके कहने पर विपक्षी नेताओं (जो अब सत्ता में हैं) और अन्य लोगों के फोन टैप कर रहे थे। जांच का मुख्य फोकस उन वरिष्ठ अधिकारियों और राजनीतिक व्यक्तियों का पता लगाना है, जिन्होंने इस अवैध जासूसी का आदेश दिया था।

अधिकारियों का मानना है कि प्रणित राव ने इस मामले से जुड़े कई महत्वपूर्ण सबूत, जैसे कि हार्ड डिस्क और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डेटा, को नष्ट कर दिया है। एसआईटी उनसे नष्ट किए गए सबूतों और इस काम में शामिल अन्य पुलिस अधिकारियों के बारे में भी जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही है।

आरोप है कि पिछली बीआरएस सरकार के कार्यकाल के दौरान, प्रणित राव ने स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच (SIB) में काम करते हुए अवैध रूप से कई निजी व्यक्तियों की प्रोफाइल बनाई और बिना किसी अधिकार के उनकी निगरानी की। एसआईटी इस मामले में पहले भी कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है और अब प्रणित राव के बयानों से जांच को आगे बढ़ाने की उम्मीद है।

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