SL vs AUS: बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पांच मैचों में टीम इंडिया के विरुद्ध जो उपलब्धि हासिल करने में वह असफल रहे, वो उस्मान ख्वाजा ने श्रीलंका में एक पारी में हासिल कर ली। भारतीय टीम के विरुद्ध 10 पारियों में सिर्फ 184 रन बनाने वाले ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने श्रीलंका के विरुद्ध पहले टेस्ट मैच में दोहरा शतक जड़कर नया इतिहास रच दिया। अपने पहले दोहरे शतक के साथ वो श्रीलंका में ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बन गए। उनकी यह पारी श्रीलंकाई गेंदबाज बुमराह पर अपना गुस्सा निकालने जैसा है।
बुमराह के सामने नहीं चलता था बल्ला
उस्मान ख्वाजा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी टूर्नामेंट में लंगड़ाकर खेलते नजर आए। बुमराह के सामने उनकी हालत काफी खराब नजर आ रही थी। जसप्रीत बुमराह सिडनी में अंतिम टेस्ट मैच में चोटिल हो गए थे। उन्होंने दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं की। इस पारी में उन्हें कुछ राहत मिली। उन्होंने सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में 45 गेंदों पर 41 रन बनाए। उन्होंने टीम इंडिया के विरुद्ध 5 मैचों की 10 पारियों में 20.44 की औसत से सिर्फ 184 रन बनाए।
श्रीलंका के विरुद्ध मैच में उस्मान ख्वाजा ने 290 गेंदों में 16 चौकों और एक छक्के की मदद से दोहरा शतक जड़ा। टेस्ट क्रिकेट में यह उनकी सर्वोच्च पारी है। श्रीलंका के विरुद्ध टेस्ट मैच में ट्रेविस हेड के साथ ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए पारी की शुरुआत करने वाले ख्वाजा ने पहले दिन की तरह दूसरे दिन भी अच्छी बल्लेबाजी की और दोहरा शतक बनाया।
उन्होंने उस मैदान पर दोहरा शतक लगाकर इतिहास रच दिया, जहां उन्हें एक दिन में दो बार आउट होने की शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी।
उस्मान ख्वाजा को 2016 में गॉल में एक ही दिन में दो बार आउट होने का दुर्भाग्य मिला था। उस्मान ख्वाजा की भी स्पिन का सामना न कर पाने के कारण आलोचना की गई। मगर इस बार उन्होंने अपना दमखम दिखाया और श्रीलंका की धरती पर ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की। उन्होंने श्रीलंका में दोहरा शतक बनाने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई बनने का रिकॉर्ड बनाया। सीरीज से पहले उनके संन्यास की भी चर्चा थी। उन्होंने कहा था कि अगर ऑस्ट्रेलियाई टीम को मेरी जरूरत नहीं होगी तो मैं क्रिकेट से संन्यास ले लूंगा।