
Up Kiran, Digital Desk: विशाखापट्टनम की एसपी (ग्रामीण) रत्ना ने एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि पीड़ित परिवारों को न्याय अवश्य मिलेगा, लेकिन यह सब 'कानूनी ढांचे के भीतर' ही होगा। उनका यह बयान उन मामलों के संदर्भ में आया है जहाँ न्याय की मांग की जा रही है और कहीं-कहीं लोगों में धैर्य की कमी भी दिखती है।
एसपी रत्ना ने जोर देकर कहा कि पुलिस का काम है कानून का पालन करना और यह सुनिश्चित करना कि हर कार्रवाई नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस किसी भी दबाव में नहीं आएगी और निष्पक्ष तरीके से काम करेगी। यह बात उन्होंने शायद उन लोगों को आश्वस्त करने के लिए कही है जो न्याय में देरी या प्रक्रिया को लेकर चिंतित हो सकते हैं।
उन्होंने लोगों से धैर्य रखने और कानूनी प्रक्रिया में विश्वास रखने की अपील की। उनका संदेश साफ था कि न्याय मिलेगा, लेकिन उसे सही तरीके से और कानूनी दायरे में रहकर ही दिया जाएगा। किसी भी तरह की जल्दबाजी या गैर-कानूनी कार्रवाई से न्याय की प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
एसपी रत्ना का यह बयान कानून के शासन और पुलिस की जवाबदेही पर जोर देता है। यह पीड़ितों को यह भरोसा दिलाता है कि उनकी शिकायतें गंभीरता से ली जाएंगी और उन पर विधिवत कार्रवाई की जाएगी, लेकिन साथ ही यह भी याद दिलाता है कि कानून की अपनी एक प्रक्रिया है जिसका पालन करना ज़रूरी है। यह उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि पुलिस प्रणाली के तहत सभी को निष्पक्ष और समयबद्ध न्याय मिले, बिना किसी अनुचित प्रभाव के।
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