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प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि उनके नाम और संस्था का गलत इस्तेमाल करने वाली फर्जी वेबसाइटों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

सद्गुरु की संस्था ईशा फाउंडेशन ने अदालत में याचिका दाखिल कर कहा कि कई वेबसाइटें, सोशल मीडिया अकाउंट्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म उनके नाम और फोटो का गैरकानूनी रूप से इस्तेमाल कर रही हैं। इन फर्जी साइटों पर नकली कोर्स, किताबें, और मेडिटेशन प्रोग्राम बेचे जा रहे हैं, जिनका असली संस्था से कोई लेना-देना नहीं है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि इन नकली वेबसाइटों के कारण लोगों को धोखा हो रहा है और संस्था की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। सद्गुरु ने कोर्ट से आग्रह किया है कि इन वेबसाइटों को तुरंत बंद किया जाए और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए उचित नियम बनाए जाएं।

कोर्ट ने इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए संबंधित इंटरनेट कंपनियों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सरकार से जवाब मांगा है। अब इस मामले की सुनवाई आने वाले दिनों में होगी।

यह मामला डिजिटल युग में ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करता है। जहां एक ओर टेक्नोलॉजी लोगों को जोड़ रही है, वहीं कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल कर भोले-भाले लोगों को ठगने में लगे हैं।

सद्गुरु की यह पहल न केवल उनके नाम की रक्षा के लिए है, बल्कि यह सभी डिजिटल उपयोगकर्ताओं को सचेत करने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।
 

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