Up kiran,Digital Desk : मंगलवार, 25 नवंबर 2025 की सुबह अयोध्या में इतिहास का एक और पन्ना सुनहरे अक्षरों में लिखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के भव्य शिखर पर विधि-विधान के साथ भगवा ध्वज फहराया। इस पावन मौके पर उनके साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
यह क्षण सिर्फ एक ध्वजारोहण नहीं, बल्कि एक लंबे संघर्ष की समाप्ति का ऐलान था। ध्वज फहराने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जो बातें कहीं, उन्होंने वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम कर दीं।
"इस झंडे को ऊपर उठाने में पीढ़ियां लग गईं"
मोहन भागवत ने बहुत ही गहरी बात कही। उन्होंने कहा, "यह ध्वज सिर्फ एक प्रतीक नहीं है। इसे इतनी ऊंचाई तक ले जाने में बहुत वक्त लगा है। अगर हम 500 साल के पुराने इतिहास को अलग भी रख दें, तो भी राम मंदिर के इस आंदोलन और निर्माण में पिछले 30 साल का कड़ा संघर्ष लगा है।"
उन्होंने आगे कहा कि आज का दिन हमारे जीवन की सार्थकता का दिन है। आज उन कारसेवकों और महापुरुषों की आत्मा को स्वर्ग में शांति मिली होगी जिन्होंने इसके लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। भागवत ने भावुक होकर अशोक सिंघल जी, महंत रामचंद्र दास परमहंस जी और डालमिया जी को याद किया और कहा कि आज उनकी आत्मा तृप्त हुई होगी, क्योंकि मंदिर की शास्त्रीय प्रक्रिया आज पूरी हो गई।
साढ़े पांच सौ साल की तपस्या हुई पूरी
संघ प्रमुख ने अपनी बात को समझाते हुए कहा कि यह भगवा ध्वज त्याग और बलिदान का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "रथ चलाने के लिए घोड़े और लगाम तो होती है, लेकिन बिना सारथी के गाड़ी नहीं चलती। लेकिन हिंदू समाज ने सूर्य भगवान की तरह अपनी तपस्या जारी रखी। साढ़े पांच सौ साल तक हमने अपने 'सत्व' (Truth/Patience) को साबित किया है। और आज नतीजा सामने है—राम मंदिर बन गया, और हमारे रामलला विराजमान हो गए।"
"अब दुनिया को खुशी बांटने वाला भारत बनाना है"
मंदिर बनने के बाद अब आगे क्या? इस पर मोहन भागवत ने भविष्य का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। राम मंदिर बन गया है, तो अब हमें एक ऐसा भारत बनाना है जो पूरी दुनिया को छाया और खुशी दे सके। दुनिया भारत की तरफ उम्मीद से देख रही है। हमें हर मुश्किल परिस्थिति में काम करते रहना होगा।
राम दरबार में हाजिरी
ध्वजारोहण से पहले का नजारा भी अद्भुत था। पीएम मोदी, मोहन भागवत और सीएम योगी ने सबसे पहले राम मंदिर परिसर पहुंचकर राम दरबार में दर्शन किए। वहां पुजारियों ने उन्हें राम नामी गमछा ओढ़ाया और प्रसाद दिया। तीनों दिग्गजों ने रामलला की आरती उतारी और आशीर्वाद लिया।
आज अयोध्या में जो हुआ, वह सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं था। यह एक सभ्यता के दोबारा खड़े होने का उत्सव था। रामलला अब अपने पूर्ण और भव्य महल में हैं, और उनके शिखर पर लहराता ध्वज दुनिया को भारत की आस्था की कहानी सुना रहा है।
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