Up Kiran, Digital Desk: जरा सोचिए, आप अपने देश से हजारों किलोमीटर दूर हों, एक बड़े मैच की तैयारी कर रहे हों और अचानक आपको खबर मिले कि आपके घर पर हमला हुआ है, आपके भाइयों के साथ मारपीट की गई है। आपका पहला विचार क्या होगा? शायद यही कि सब कुछ छोड़कर फौरन अपने परिवार के पास पहुंच जाएं। लेकिन पाकिस्तान के युवा तेज गेंदबाज नसीम शाह ने इस मुश्किल घड़ी में जो फैसला लिया है, वह उनके देश के प्रति उनके जज्बे और हिम्मत को दिखाता है।
क्या है पूरा मामला?
खबरों के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा के लोअर दीर इलाके में स्थित नसीम शाह के पैतृक घर में कुछ हथियारबंद लोग जबरदस्ती घुस आए। उन्होंने न सिर्फ घर में तोड़फोड़ की, बल्कि नसीम के भाइयों के साथ भी मारपीट और बदसलूकी की। यह किसी भी परिवार के लिए एक बेहद खौफनाक अनुभव है।
टीम मैनेजमेंट ने दिया घर लौटने का विकल्प
इस वक्त पाकिस्तानी टीम एक अहम सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका में है। जैसे ही टीम मैनेजमेंट को इस घटना के बारे में पता चला, उन्होंने तुरंत नसीम शाह को घर वापस लौटने का विकल्प दिया ताकि वह इस कठिन समय में अपने परिवार के साथ रह सकें।
नसीम शाह का फैसला दिल जीत लेगा
लेकिन 22 साल के इस नौजवान ने अपनी परेशानी को जिम्मेदारी के आगे छोटा समझा। सूत्रों के मुताबिक, नसीम शाह ने टीम मैनेजमेंट को साफ कह दिया कि वह टीम को इस तरह बीच दौरे में छोड़कर वापस नहीं जाएंगे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में ही रुककर टीम के साथ अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का फैसला किया।
बोर्ड और टीम का मिला पूरा समर्थन
नसीम के इस फैसले के बाद, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और पूरी टीम उनके समर्थन में खड़ी हो गई है। बोर्ड ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस मुश्किल समय में वे उनके साथ हैं और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।
यह घटना दिखाती है कि एक क्रिकेटर की जिंदगी सिर्फ मैदान पर ही नहीं, बल्कि उसके बाहर भी कितनी चुनौतियों से भरी होती है। नसीम शाह का अपने परिवार पर हुए हमले के बावजूद टीम के साथ बने रहने का फैसला उनके मानसिक मजबूती और देश के प्रति उनके गहरे समर्पण का सबूत है। यह एक ऐसा जज्बा है जो सिर्फ खेल के मैदान में ही नहीं, जिंदगी में भी प्रेरणा देता है।
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