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Up Kiran, Digital Desk: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के प्रमुख नेताओं में से एक संजय राउत ने हाल ही में महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण और अटकलों भरा बयान दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे और अपने गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे के संभावित राजनीतिक रूप से एक साथ आने पर टिप्पणी की है।

राउत ने इस संभावना पर बात करते हुए कहा है कि अगर भविष्य में उद्धव और राज ठाकरे एक साथ आते हैं, तो उनके बीच 'अहंकार' या 'ईगो' किसी भी तरह की बाधा नहीं बनेगा। यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उद्धव और राज ठाकरे चचेरे भाई हैं, लेकिन राजनीतिक तौर पर उनके रास्ते अलग हो गए थे और दोनों पार्टियों के बीच काफी मतभेद रहे हैं।

संजय राउत का यह कहना कि 'अहंकार' आड़े नहीं आएगा, यह दर्शाता है कि वे इस संभावित राजनीतिक पुनर्मिलन को एक वास्तविक संभावना के तौर पर देखते हैं और मानते हैं कि व्यक्तिगत या पिछली दूरियां राजनीतिक गठबंधन में रुकावट नहीं बनेंगी।

राउत का यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म देता है, खासकर वर्तमान राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए जहां गठबंधन और साझेदारियां लगातार बदल रही हैं।

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