लोकसभा चुनाव 2024 में सत्तारूढ़ बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस पुरजोर कोशिश कर रही है। इस दिशा में कांग्रेस हर दल को साथ लाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने में कामयाब रही, लेकिन उसकी मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं। पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसलिए कांग्रेस को बहुत काम करना होगा।
पश्चिम बंगाल में टीएमसी को मनाने में कांग्रेस नाकाम रही। हाल ही में पश्चिम बंगाल में टीएमसी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आत्मनिर्भरता का नारा बुलंद किया, जिससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने टीएमसी से करीब 10 सीटें मांगी थीं, लेकिन ममता सिर्फ दो सीटें देने को तैयार हैं।
सीटों पर अभी सहमति नहीं बन पाई है। अधीर रंजन निरंतर टीएमसी पर निशाना साध रहे हैं, जिसके चलते सीट बंटवारे को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है। इसी विवाद के चलते ममता बनर्जी बंगाल में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं हुईं। इस तरह कांग्रेस ममता बनर्जी को मनाने की कोशिश कर रही है।
क्या है महाराष्ट्र की स्थिति
महाराष्ट्र में भी महा विकास अघाड़ी ने अभी तक सीटों के आवंटन की योजना की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस, शिवसेना (बालासाहेब उद्धव ठाकरे) और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की महाविकास अघाड़ी के बीच चर्चा अंतिम चरण में है। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने सीटों के असमंजस को लेकर भी उद्धव ठाकरे से चर्चा की है और कांग्रेस छह में से तीन लोकसभा सीटों मुंबई साउथ सेंट्रल, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल और मुंबई नॉर्थ वेस्ट पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि उद्धव ठाकरे यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं। मुंबई समेत 18 लोकसभा सीटें। आने वाले दिनों में इस पर अंतिम फैसला हो सकता है।
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