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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में भ्रष्टाचार की समस्या अब आम लोगों की जिंदगी पर गहरा प्रभाव डाल रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हाल ही में सरकार के मंत्रियों और अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनके मुताबिक राज्य के विभिन्न विभागों में गड़बड़झाले आम बात हो गए हैं। तेजस्वी का कहना है कि भ्रष्टाचार का जाल इतना फैल चुका है कि अब कोई भी विभाग इससे अछूता नहीं रह गया है। इस स्थिति से आम जनता को ही सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रशासनिक भ्रष्टाचार और उसकी झलक
तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्य के अफसरों में भय की स्थिति बनी हुई है, खासकर वे जो डीके गिरोह के प्रभाव में काम कर रहे हैं। पिछली बार भी भ्रष्ट अफसरों ने विपक्ष को सत्ता तक पहुंचने से रोका था। अब जनता ज्यादा जागरूक हो चुकी है और वे ऐसे भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगी। इसके साथ ही उन्होंने करोड़ों की संपत्ति रखने वाले इंजीनियरों की भी जांच की मांग की है जो अभी तक बिना किसी कार्रवाई के खुलेआम काम कर रहे हैं।
मंत्रियों और नेताओं पर लगे आरोप
प्रशांत किशोर ने जदयू-भाजपा के कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। मंत्री अशोक चौधरी पर 200 करोड़ से अधिक की जमीन खरीदने का आरोप है, जो उनकी बेटी के सगाई और शादी के दौरान हुई। इसके जवाब में अशोक चौधरी ने मानहानि का केस भी दायर किया है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए पैसे लेने और पत्नी के नाम दिल्ली में फ्लैट खरीदने का आरोप भी लगा है। दिलीप जायसवाल पर गलत तरीके से एक मेडिकल कॉलेज पर कब्जा करने और हत्या मामले में मिलीभगत करने के आरोप सामने आए हैं।
राजनीतिक दाव-पेंच और अदालत की भूमिका
प्रशांत किशोर ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर अपनी शैक्षिक योग्यता को लेकर भी सवाल उठाए हैं। दावा किया गया कि उन्होंने बिना जरूरी योग्यता के डिग्री हासिल की है। सांसद संजय जायसवाल पर भी सड़क का मार्ग बदलवाकर अपने भाई के पेट्रोल पंप के लिए सुविधा उपलब्ध कराने और फर्जी बिल बनाकर घपला करने के आरोप लगे हैं।
राजेश साह हत्या मामले में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मामले की पुनः जांच की मांग की गई है। जनता इस मामले में भी सच्चाई जानने के लिए उत्सुक है।