
Up Kiran, Digital Desk: रक्षा क्षेत्र में भारत का डंका बजने वाला है! देश की सुरक्षा को अभूतपूर्व मजबूती देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए 97 अत्याधुनिक 'तेजस' LCA (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) Mk 1A लड़ाकू विमानों के निर्माण का एक विशाल ऑर्डर हासिल किया है। यह सौदा ₹62,000 करोड़ का है, जो HAL के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है। यह खरीद न केवल भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' जैसे महत्वपूर्ण सरकारी पहलों को भी ज़बरदस्त बढ़ावा देगी। इस डील से भारत की रक्षा निर्माण क्षमता एक नई क्रांति के दौर में प्रवेश कर गई है, और दुश्मन देशों की नींद उड़ना तय है!
'तेजस' Mk 1A: भारत की हवाई शक्ति का नया महानायक!
हवा से हवा में मार करने वाले ये 97 'तेजस' LCA Mk 1A विमान, भारतीय वायु सेना के पुराने हो रहे MiG-21 बेड़े की जगह लेंगे, जो जल्द ही सेवामुक्त होने वाले हैं। HAL द्वारा निर्मित 'तेजस' लड़ाकू विमान, भारतीय वायु सेना के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो रहा है। Mk 1A संस्करण, 'तेजस' का उन्नत रूप है, जिसमें अत्याधुनिक एवियोनिक्स, बेहतर रडार सिस्टम, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्धक क्षमताएं और बेहतर मारक क्षमता शामिल है। इस विमान का 65% से अधिक हिस्सा स्वदेशी रूप से निर्मित है, जो भारत की एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का एक जीवंत प्रमाण है। यह सौदा HAL को उत्पादन बढ़ाने का एक स्पष्ट संकेत देता है, जिससे कंपनी के लिए भविष्य में भी बड़े ऑर्डर की उम्मीदें जगी हैं, जिसमें LCA Mk 2 और AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) जैसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शामिल हैं।
₹62,000 करोड़ का महा-सौदा: HAL के लिए 'गेम-चेंजर'
यह ₹62,000 करोड़ का ऑर्डर HAL के लिए वित्तीय रूप से एक बड़ा बढ़ावा है। यह न केवल कंपनी के ऑर्डर बुक को मजबूत करेगा, बल्कि इसे भविष्य के रक्षा उत्पादन के लिए भी तैयार करेगा। पहले भी HAL को 83 'तेजस' LCA Mk 1A विमानों का ऑर्डर मिल चुका है, जिसकी कीमत लगभग ₹48,000 करोड़ थी। इस नए ऑर्डर के साथ, भारतीय वायु सेना के पास कुल 180 'तेजस' Mk 1A लड़ाकू विमान होंगे, जो इसे भारतीय वायु सेना का सबसे बड़ा लड़ाकू विमान बेड़ा बना देगा। इस सौदे से न केवल HAL को फायदा होगा, बल्कि देश भर में सैकड़ों छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs) को भी बढ़ावा मिलेगा, जो रक्षा उत्पादन की आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा हैं।
'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' को उड़ान!
यह सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को एक नई दिशा देता है। यह दर्शाता है कि भारत अब केवल रक्षा उपकरणों का आयातक नहीं, बल्कि एक प्रमुख निर्यातक बनने की राह पर अग्रसर है। 'तेजस' जैसे स्वदेशी लड़ाकू विमानों का निर्माण भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी में बढ़ती आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह सौदेबाजी भारतीय रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगी और देश की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। इसके अलावा, इस सौदे से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों नई नौकरियां पैदा होंगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
क्या आपकी सुरक्षा पहले से ज़्यादा मजबूत हो गई है?
यह महत्वपूर्ण विकास भारतीय वायु सेना की क्षमता को दोगुना करेगा, जिससे वह दो मोर्चों पर एक साथ प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए बेहतर ढंग से तैयार होगी। 'तेजस' Mk 1A के शामिल होने से भारतीय वायुसेना का आधुनिकीकरण तेज होगा और हवाई सुरक्षा और भी अभेद्य हो जाएगी। यह भारत के रक्षा क्षेत्र में एक अभूतपूर्व आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत को वैश्विक रक्षा परिदृश्य में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करेगा।
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