
Up Kiran, Digital Desk: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हमारे प्यारे बच्चों के लिए एक बहुत ही ज़रूरी बात पर ज़िला कलेक्टर साहब ने ध्यान दिलाया है। उन्होंने कहा है कि बच्चों को जो यूनिफॉर्म दी जानी है, वह सिर्फ नाम की नहीं, बल्कि वाकई 'बढ़िया क्वालिटी' के कपड़े से बनी होनी चाहिए।
कलेक्टर महोदय ने ज़ोर देकर कहा कि यूनिफॉर्म बनाने में इस्तेमाल होने वाला कपड़ा टिकाऊ और अच्छा होना चाहिए, खासकर पॉलिएस्टर और विस्कोस जैसे मिश्रित कपड़े (polyviscose cloth) का इस्तेमाल करना बेहतर होगा। उनका मानना है कि अगर यूनिफॉर्म अच्छी क्वालिटी की होगी, तो बच्चे उसे पहनकर खुश होंगे, उन्हें आत्मविश्वास आएगा और यूनिफॉर्म ज़्यादा समय तक चलेगी भी।
यह काम अक्सर महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) द्वारा किया जाता है। कलेक्टर साहब ने इन समूहों से साफ तौर पर कहा है कि यूनिफॉर्म की कटाई और सिलाई के हर कदम पर गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि सिर्फ सिलाई पूरी हो जाना काफी नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि यूनिफॉर्म पहनने में आरामदायक हो और देखने में भी अच्छी लगे।
कलेक्टर साहब खुद इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सारा काम सही तरीके से हो और सबसे बड़ी बात, यूनिफॉर्म समय पर तैयार होकर बच्चों तक पहुँच जाए।
यह कदम दिखाता है कि सरकार सिर्फ बच्चों को यूनिफॉर्म देने तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि वह उन्हें ऐसी यूनिफॉर्म देना चाहती है जिस पर वे गर्व महसूस करें। अच्छी क्वालिटी की यूनिफॉर्म बच्चों के स्कूल जाने के उत्साह को बढ़ाती है और उन्हें गरिमापूर्ण महसूस कराती है।
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