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Up Kiran, Digital Desk:आज 1 नवंबर है! यह तारीख दक्षिण भारत के खूबसूरत राज्य केरल के लिए बहुत खास है. आज ही के दिन, 1956 में, मलयालम भाषा बोलने वाले त्रावणकोर, कोचीन और मालाबार क्षेत्रों को मिलाकर एक नए राज्य का जन्म हुआ था, जिसे हम और आप केरल के नाम से जानते हैं. मलयालम में 'पिरावी' का मतलब होता है 'जन्म'. इसलिए इस दिन को 'केरल पिरावी' यानी 'केरल का जन्मदिन' कहा जाता है.

यह दिन हर मलयाली के लिए अपनी जड़ों, अपनी भाषा और अपनी अनूठी संस्कृति पर गर्व करने का दिन है. हरे-भरे नारियल के पेड़, शांत बैकवॉटर्स, स्वादिष्ट भोजन और कथकली जैसे शास्त्रीय नृत्य... केरल की हर बात निराली है. इस खास मौके पर पूरा राज्य पारंपरिक सफेद और सुनहरे बॉर्डर वाली 'कसावु' साड़ी और मुंडू में सजता है. लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं और अपने प्यारे राज्य की खुशहाली की कामना करते हैं.

आइए, हम भी 'ईश्वर के अपने देश' (God's Own Country) के इस जन्मदिन के जश्न में शामिल हों और अपने मलयाली दोस्तों और प्रियजनों को ये खास शुभकामनाएं भेजें.