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Up Kiran, Digital Desk: पूर्वी चम्पारण जिले के पकड़ीदयाल थाना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने न सिर्फ चोरी किए गए तीन वर्षीय मासूम को सकुशल बरामद किया बल्कि बच्चों की तस्करी में लिप्त एक गिरोह के सात सदस्यों को भी धर दबोचा। पूछताछ के दौरान इन आरोपियों ने बच्चों को चोरी कर बेचने की बात स्वीकार की है जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
कैसे हुआ खुलासा
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने जानकारी दी कि 15 अप्रैल को पकड़ीदयाल के दर्जी मोहल्ला निवासी मो. सहीम आलम का तीन वर्षीय बेटा गुलाम रसुल अचानक लापता हो गया था। जैसे ही घटना की सूचना मिली पकड़ीदयाल एसडीपीओ मोहिबुल्लाह अंसारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
टीम ने सबसे पहले इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जांच में पता चला कि घटना के बाद से घुमंतु जाति के कुछ लोग अपना ठिकाना बदलकर पकड़ीदयाल से फरार हो गए थे। शक की सुई इन्हीं पर जाकर टिक गई।
कैसे पकड़े गए आरोपी
लगातार छापेमारी के बाद 26 अप्रैल को पुलिस ने इस गिरोह के एक सदस्य को धर दबोचा। उसकी निशानदेही पर पुलिस टीम सीतामढ़ी जिला के बेलसंड थाना क्षेत्र पहुंची जहां से तीन वर्षीय गुलाम रसुल को सकुशल बरामद कर लिया गया।
कौन-कौन अरेस्ट हुए
पुलिस ने इस मामले में घुमंतु जाति के सात लोगों को अरेस्ट किया है। इनमें तिलसकरी देवी मोहनी देवी अमृत करोड़ी लालपड़ी प्रकाश करोड़ी राजेश करोड़ी और लहसन करोड़ी शामिल हैं। पूछताछ के दौरान इन आरोपियों ने कबूल किया कि वे विभिन्न इलाकों में झुग्गी-झोपड़ी लगाकर रहते हैं और मौका पाते ही छोटे बच्चों को उठाकर उन्हें बेच देते हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि तीन वर्षीय गुलाम रसुल को बेचने के लिए उन्होंने 50 हजार रुपये की डील की थी।
पुलिस की सतर्कता से बची एक मासूम जान
इस पूरी घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि पुलिस की तत्परता और टीम वर्क से बड़ी से बड़ी साजिश को नाकाम किया जा सकता है। गुलाम रसुल के परिवार वालों ने भी पुलिस प्रशासन का तहेदिल से आभार जताया है।
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