
Up Kiran, Digital Desk: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल इस समय भीषण जल संकट से जूझ रही है। शहर के लाखों निवासी स्वच्छ पेयजल की भारी कमी का सामना कर रहे हैं और उन्होंने अंतरिम सरकार (तालिबान) से पानी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
काबुल के लगभग 80% निवासियों के पास पाइप से पानी की सीधी पहुंच नहीं है, जिसके कारण उन्हें निजी जल विक्रेताओं पर निर्भर रहना पड़ता है। यह पानी अक्सर महंगा और अविश्वसनीय होता है, जिससे गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। कई निवासी पानी के लिए रोजाना लंबी कतारों में खड़े होने को मजबूर हैं, जिससे उनका समय और ऊर्जा बर्बाद होती है।
Up Kiran, Digital Desk: जल संकट के कई कारण हैं, जिनमें दशकों से चला आ रहा सूखा, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और शहर की तेजी से बढ़ती आबादी शामिल है। इन कारकों ने भूजल स्तर को गंभीर रूप से कम कर दिया है। पिछले 20 वर्षों में, काबुल में भूजल स्तर 10-15 मीटर तक नीचे चला गया है, जिसके परिणामस्वरूप कई गहरे कुएं सूख गए हैं या उनकी उपज क्षमता घट गई है।
पानी की कमी के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है, जिसमें हैजा और टाइफाइड जैसी जल-जनित बीमारियों का प्रकोप शामिल है। निवासियों का कहना है कि उन्हें अक्सर अस्वच्छ स्रोतों से पानी खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जिससे बीमारियों का खतरा और बढ़ जाता है।
एक स्थानीय निवासी ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, "हमें पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता। हमें निजी टैंकरों से पानी खरीदना पड़ता है जो बहुत महंगा है। सरकार को हमारे लिए कुछ करना चाहिए।"
निवासियों ने सरकार से आग्रह किया है कि वह स्थायी समाधान के लिए बड़े पैमाने पर निवेश करे, जिसमें नए कुएं खोदना, जल वितरण नेटवर्क का विस्तार करना और वर्षा जल संचयन (rainwater harvesting) जैसी तकनीकों को बढ़ावा देना शामिल है। उनका कहना है कि यह केवल एक बुनियादी सुविधा का नहीं, बल्कि जीवन और आजीविका का सवाल है।
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