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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली के लाल किले के पास हुए आतंकी धमाके के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। इस घटना का असर अब कोलकाता में होने वाले भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टेस्ट मैच पर भी दिख रहा है। कोलकाता पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल मैच की सुरक्षा में किसी भी तरह की कोई ढील न बरतने का फैसला किया है और इसके लिए एक अभेद्य 'तीन-स्तरीय' सुरक्षा घेरा (Three-tier security cordon) तैयार किया गया है।

आने वाले बुधवार से ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स में यह मैच शुरू होने वाला है। दिल्ली की घटना के बाद, कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने खुद सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल ली है और उन्होंने साफ निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा में कोई भी चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कैसा होगा यह 'तीन-स्तरीय' सुरक्षा घेरा?

यह सुरक्षा घेरा इतना मजबूत होगा कि परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। आइए समझते हैं कि यह कैसे काम करेगा:

पहला घेरा (सबसे बाहरी): सुरक्षा का पहला और सबसे बाहरी घेरा ईडन गार्डन्स के आसपास के इलाके में बनाया जाएगा। यहां ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी भी तैनात रहेंगे, जो हर आने-जाने वाले पर नजर रखेंगे।

दूसरा घेरा (स्टेडियम के गेट पर): दूसरा घेरा स्टेडियम के सभी एंट्री गेट्स पर होगा। यहां तैनात पुलिसकर्मी हर दर्शक की टिकट जांचने के बाद ही उन्हें अंदर जाने देंगे। इसके अलावा, मेटल डिटेक्टर से भी हर किसी की जांच की जाएगी ताकि कोई भी प्रतिबंधित वस्तु अंदर न ले जा सके।

तीसरा घेरा (स्टेडियम के अंदर): सबसे अंदर का और सबसे महत्वपूर्ण घेरा स्टेडियम के अंदर होगा। यहां हर ब्लॉक में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, जो दर्शकों के बीच बैठकर पूरे स्टैंड पर नजर रखेंगे। खिलाड़ियों के ड्रेसिंग रूम, पिच और पवेलियन के आसपास भी स्पेशल कमांडो तैनात किए जाएंगे।

सिर्फ पुलिस ही नहीं, टेक्नोलॉजी भी रखेगी नजर

इस त्रि-स्तरीय सुरक्षा के अलावा, टेक्नोलॉजी का भी भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा:

ड्रोन से निगरानी: मैच के दौरान ड्रोन कैमरों से पूरे स्टेडियम और उसके आसपास के इलाके पर आसमान से नजर रखी जाएगी।

CCTV का जाल: स्टेडियम के चप्पे-चप्पे में हाई-डेफिनिशन CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी लाइव फुटेज सीधे कंट्रोल रूम में देखी जाएगी।

खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे पहले

कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "दिल्ली की घटना के बाद हम कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहते। दोनों टीमों के खिलाड़ियों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। होटल से लेकर स्टेडियम तक और वापस होटल तक, उनके आने-जाने के पूरे रास्ते पर 'जीरो टॉलरेंस' वाली सुरक्षा होगी।"

यह साफ है कि दिल्ली में हुए हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हैं और वे यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि खेल के इस महाकुंभ पर आतंक का कोई साया न पड़े।