Up Kiran, Digital Desk: लाल किले के समीप हुए कार धमाके को दिल्ली पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में विधिवत 'बम विस्फोट' करार दिया है। इस धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि घटनास्थल पर स्थित दिल्ली पुलिस की सुरक्षा चौकी की दीवार भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। यह घटना एक गंभीर आतंकी साजिश की ओर इशारा कर रही है, जिसके बाद अब जाँच एजेंसियों का पूरा ध्यान इस बात पर केंद्रित हो गया है कि इस आतंकी मॉड्यूल ने इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री कैसे और कहाँ से जुटाई। इस सामग्री में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल मुख्य रूप से होने का संदेह है।
विस्फोटक की खरीद-फरोख्त का जाल
पीटीआई (PTI) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक जाँच में इस बात की पुष्टि हुई है कि लाल किला क्षेत्र में हुए विस्फोट में जिस विस्फोटक का उपयोग हुआ है, उसमें अमोनियम नाइट्रेट प्रमुख घटक था। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना एक बार फिर उजागर करती है कि इस रसायन को कितनी आसानी से घातक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। अब सुरक्षा और जाँच दल मिलकर अंतर-राज्यीय आतंकी मॉड्यूल के जटिल रसद यानी लॉजिस्टिक्स और खरीद नेटवर्क की तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शुरुआती जाँच संकेत दे रही है कि लाल किले के पास हुए इस बम धमाके में संभवतः अमोनियम नाइट्रेट को तेल और एक डेटोनेटर के साथ इस्तेमाल किया गया था। इस घटना की टाइमिंग भी बेहद महत्वपूर्ण है। यह कार बम धमाका फरीदाबाद में 2900 किलोग्राम विस्फोटक की बड़ी खेप जब्त किए जाने के कुछ ही घंटों बाद हुआ। एजेंसियों ने इस धमाके से पहले ही जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था।
'डबल यूज' केमिकल और आतंक की साज़िश
जाँच से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस आतंकी मॉड्यूल का नेटवर्क कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों तक फैला हुआ है। अमोनियम नाइट्रेट दरअसल एक 'डबल यूज केमिकल' है। एक ओर इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल नाइट्रोजन उर्वरक के तौर पर होता है, वहीं दूसरी ओर पत्थर की खदानों में नियंत्रित विस्फोटों के लिए भी इसे उपयोग में लाया जाता है। आतंकी इसका दुरुपयोग पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर जैसे अन्य रसायनों के साथ मिलाकर बम बनाने में करते हैं।
आतंकवादी समूह इसे आईईडी (IED) के साथ मिलाकर इस्तेमाल करते हैं। अमोनियम नाइट्रेट को तेल के साथ मिलाया जाता है, जिससे अमोनियम नाइट्रेट ईंधन तेल विस्फोटक (ANFO) बनता है। यह मिश्रण अत्यंत ज्वलनशील होता है। याद दिला दें कि 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में भी आरडीएक्स (RDX) के साथ-साथ अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।
_1549759625_100x75.png)
_319444470_100x75.png)
_1180945512_100x75.png)
_441638052_100x75.png)
_1195473182_100x75.png)