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पांच फसलों पर पांच साल तक एमएसपी देने के सरकार की पेशकश को खारिज करने के पश्चात हरियाणा-पंजाब सीमा पर झुंड बनाकर बैठे किसान एक मर्तबा फिर अपनी जरुरतों को लेकर दिल्ली की तरफ कूच करेंगे. हालांकि किसान नेताओं के राजधानी जाने की घोषणा के बाद शंभू बॉर्डर सहित अन्य इलाकों में नाकाबंदी बढ़ा दी गई है।

एक किसान नेता ने बताया कि विरोध करने वाले किसान शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की तरफ आगे बढ़ेंगे। अलग अलग मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान पंजाब और हरियाणा के बीच 2 जगहों पर डटे हुए हैं, वहीं पुलिसकर्मी उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए तैयार हैं।

कृषिकों के दिल्ली की ओर बढ़ने की योजना के बीच किसान ने कहा, ‘‘हमारा इरादा अशांति फैलाने का नहीं है।’’ उन्होंने मोदी सरकार पर किसानों की मांगों के संबंध में ‘‘देरी की नीति’’ अपनाने का इल्जाम लगाया और सरकार से किसानों के पक्ष में निर्णय लेने की दरखास्त की।

उन्होंने किसानों को दिल्ली की तरफ जाने से रोकने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच कई जगहों पर जगह-जगह अवरोधक लगाने के लिए भी मोदी सरकार की आलोचना की।

किसानों के झुंड ने 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था। इन किसानों को हरियाणा सीमा पर ही रोक दिया गया था, जहां उनकी सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई थी। किसान तब से हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

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