img

Up Kiran, Digital Desk: भारत के प्रमुख व्यापारिक घरानों में से एक, अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की कंपनियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई का शेयर बाजार में सीधा और बड़ा असर देखने को मिला है। खबर आते ही रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) और रिलायंस पावर (Reliance Power) के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई, और दोनों ही स्टॉक्स 10 प्रतिशत के 'लोअर सर्किट' पर बंद हुए।

क्या है पूरा मामला? प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी की है। ये छापेमारी कथित तौर पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन से जुड़े एक मामले को लेकर की गई है। ED की यह कार्रवाई रिलायंस समूह के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर ऐसे समय में जब कंपनी पहले से ही वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रही है।

शेयर बाजार पर तत्काल असर: रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure): कंपनी का शेयर तेजी से गिरा और देखते ही देखते 10 प्रतिशत के लोअर सर्किट पर पहुंच गया, जिसका मतलब है कि दिन के लिए इसमें और गिरावट नहीं हो सकती थी।

लोअर सर्किट' एक ऐसा तंत्र है जिसे शेयर बाजार में अत्यधिक अस्थिरता को रोकने के लिए लगाया जाता है। जब कोई स्टॉक अपनी निर्धारित सीमा (आमतौर पर 2%, 5%, 10% या 20%) से नीचे गिर जाता है, तो उसमें आगे ट्रेडिंग रुक जाती है। यह गिरावट निवेशकों के डर और कंपनी के भविष्य पर अनिश्चितता को दर्शाती है।

अनिल अंबानी और रिलायंस समूह की चुनौतियाँ: अनिल अंबानी का रिलायंस समूह पिछले कुछ सालों से वित्तीय संकट और भारी कर्ज के बोझ से जूझ रहा है। कई संपत्तियों को बेचा गया है और कई कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा है। ED की यह नई कार्रवाई, विशेष रूप से FEMA जैसे संवेदनशील मामलों में, कंपनी के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकती है और निवेशकों का विश्वास और भी डगमगा सकती है।

--Advertisement--