सावन के तीसरे सोमवार (श्रावणी सोमवार) के दिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के नाम से चलाया गया एक निर्णायक अभियान पूरा किया, जिसमें सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया।
इस अभियान का सिलसिला शुरू हुआ दो दिन पहले जब दाचीगाम जंगलों से संदिग्ध आतंकियों के संवाद को ट्रैक किया गया था। इसके बाद सेना, सीआरपीएफ तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीमें ने इलाके का घेराव करके केंद्रीय सुरक्षा रणनीति लागू की ।
ऑपरेशन की शुरुआत सुबह 11:30 बजे हुई और 24 राष्ट्रीय राइफल्स टीम एवं 4 PARA कमांडो ने घात लगाकर आतंकियों पर हमला किया। छह घंटे की मुठभेड़ में तीन आतंकियों को निष्क्रिय कर दिया गया, जिनमें से एक को पहलगाम हमले का मुख्य मास्टरमाइंड, Hashim Musa alias Suleiman Shah, बताया जा रहा है। उसके साथ Abu Hamza और Yasir नामक अन्य आतंकियों को भी मार गिराया गया ।सुरक्षा बलों ने आतंकियों के बंकर से 17 ग्रेनेड, एक M4 कार्बाइन और दो AK‑47 राइफलें बरामद कीं। यह सभी हथियार संदिग्ध रूप से पहलगाम आतंकी हमले में इस्तेमाल किए गए थे।
Chinar Corps ने ऑपरेशन का नाम 'महादेव' इसलिए रखा क्योंकि मुठभेड़ की लोकेशन Zabarwan व Mahadev पर्वत के बीच स्थित थी। सेना ने ड्रोन और थर्मल इमेजिंग जैसी स्वदेशी तकनीक की सहायता से आतंकियों की लोकेशन ट्रैक कर कही गई घेराबंदी में सटीक कार्रवाई की थी।
इस ऑपरेशन को पहलगाम हमले के बाद सक्रिय आतंकी गठजोड़ को समाप्त करने की लंबी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें पिछले 96 दिन तक आतंकियों की पैनी निगरानी की गई। यह अभियान Pahalgam घटना के आरोपी आतंकियों को नेस्तनाबूद करने का निर्णायक कदम था।सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, फिलहाल ढेर किए गए आतंकियों की पहचान प्रक्रिया जारी है। इन सबसे जुड़ी कार्यवाही अभी भी जारी है लेकिन यह सफलता हिमालयी क्षेत्र में शांति व सुरक्षा बनाए रखने के लिए निर्णायक मानी जा रही है।
ऑपरेशन महादेव ने स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद का सामना न केवल हवा से बल्कि जमीन पर सटीक खुफिया कार्रवाई के जरिए भी किया जा सकता है। इस सफल अभियान ने देश को फिर से यह भरोसा दिलाया कि किसी भी आतंकवादी चुनौती का जवाब सरकार और सुरक्षा बल समय पर दे सकते हैं।
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