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Up Kiran, Digital Desk: पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत नीति पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के नागरिक ट्रंप के कार्यों से पूरी तरह से 'हैरान' हैं। रुबिन के मुताबिक, पाकिस्तान की 'रिश्वत' और 'चापलूसी' के कारण भारत और अमेरिका के रिश्ते पटरी से उतर गए।

पाकिस्तान की चापलूसी ने बिगाड़े अमेरिका-भारत संबंध

माइकल रुबिन ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "अमेरिका-भारत संबंधों को ट्रंप ने जिस तरह से पलट दिया, वह कई लोगों के लिए आश्चर्यजनक था। बहुत से लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि ट्रंप को किसने प्रेरित किया। शायद पाकिस्तानियों की चापलूसी ने उन्हें इस दिशा में मोड़ा। लेकिन असल में पाकिस्तान, तुर्की और कतर के समर्थकों द्वारा ट्रंप को दी गई रिश्वत ने इस रिश्ते को नष्ट कर दिया। यह रिश्वत आने वाले दशकों में अमेरिका को भारी रणनीतिक घाटा पहुंचा सकती है।"

पाकिस्तान से रिश्तों में सुधार की ट्रंप की कोशिशें

पूर्व पेंटागन अधिकारी ने यह भी उल्लेख किया कि पिछले कुछ समय में ट्रंप पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों में सुधार की कोशिशें कर रहे थे। इस साल की शुरुआत में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर व्हाइट हाउस पहुंचे थे और ट्रंप को कुछ विशेष मृदा नमूने भेंट किए थे।

पुतिन की भारत यात्रा – ट्रंप की नाकामी का परिणाम

रुबिन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा पर भी ट्रंप को आड़े हाथों लिया। उन्होंने इसे ट्रंप की 'घोर अक्षमता' का नतीजा करार दिया। रुबिन के अनुसार, अमेरिका का रूस से कच्चा तेल खरीदने पर भारत को 'भाषण' देना पाखंड था, क्योंकि अमेरिका खुद रूस के साथ व्यापार कर रहा था।

भारत पर रूस से तेल खरीदने के कारण दबाव

रुबिन ने आगे कहा, "ट्रंप प्रशासन ने भारत पर रूस से कच्चा तेल खरीदने पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया था और उसे यूक्रेन में रूस के युद्ध को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया था। हालांकि, भारत ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे 'अन्यायपूर्ण' बताया और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का संकल्प लिया।"

अमेरिका के नागरिक ट्रंप के खिलाफ, रुबिन का तीखा हमला

रुबिन ने अमेरिकी जनमानस का भी जिक्र किया, "अगर आप ट्रंप हैं, तो यह स्थिति उन्हें सही साबित करने के नजरिए से दिख रही है। लेकिन यदि आप उन 65 प्रतिशत अमेरिकियों में से हैं, जो ट्रंप को नापसंद करते हैं, तो यह ट्रंप की घोर नाकामी का परिणाम है।"