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Up Kiran, Digital Desk: क्या आपको लगता है कि 2000 रुपये का नोट अब पूरी तरह चलन से बाहर हो गया है और उसकी कोई कीमत नहीं बची? अगर हां, तो बलरामपुर से आई यह खबर आपको हैरान कर देगी! भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने और उन्हें बैंकों में जमा करने की समय सीमा खत्म होने के बावजूद, बाजार में इन नोटों का 'खेल' अभी भी धड़ल्ले से जारी है। लेकिन इसमें लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि अब यह नोट 2000 के बजाय महज 1600 रुपये में बदले जा रहे हैं!

क्या है पूरा मामला?
पत्रिका की टीम ने जब इस पूरे मामले की पड़ताल की, तो एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। पता चला कि बलरामपुर के ग्रामीण इलाकों से लेकर छोटे कस्बों तक, कई दुकानदार चोरी-छिपे 2000 रुपये के नोटों का सौदा कर रहे हैं। वे ग्राहक को 2000 के नोट के बदले सिर्फ 1600 रुपये दे रहे हैं, यानी सीधे-सीधे 400 रुपये का नुकसान!

हमारी पड़ताल में क्या सामने आया?
हमारे संवाददाता जब ग्राहक बनकर कुछ दुकानदारों के पास पहुंचे और उनसे 2000 का नोट बदलने को कहा, तो उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के 1600 रुपये वापस लौटा दिए। जब उनसे पूछा गया कि वे पूरे पैसे क्यों नहीं दे रहे, तो उनका जवाब था कि "अब तो ये नोट बेकार हो गया है, बैंक भी नहीं ले रहे। जितने में चल जाए, उतना ही ठीक है।"

आखिर क्यों चल रहा है यह 'खेल'?
इस खेल के पीछे कई वजहें सामने आ रही हैं। एक तो यह कि अभी भी कई लोगों के पास 2000 के नोट बचे हुए हैं, जिन्हें वे किसी भी कीमत पर भुनाना चाहते हैं। वहीं, कुछ छोटे दुकानदार या व्यापारी ऐसे नोटों को कम कीमत पर खरीदकर बाद में बैंक के 'किसी जानने वाले' या 'दूसरे रास्ते' से उन्हें बदलवा लेते हैं, जिससे उन्हें प्रति नोट 400 रुपये का फायदा हो रहा है। इसके अलावा, ग्रामीण इलाकों में आज भी कई लोगों के पास बैंक खाते नहीं हैं या वे लंबी कतारों से बचने के लिए इस तरह के अनौपचारिक तरीकों का सहारा ले रहे हैं।

बैंकों में अब भी हो रहा जमा (केवल वैध तरीके से):
RBI ने साफ कर दिया था कि 7 अक्टूबर 2023 के बाद 2000 के नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे। इसका मतलब है कि वे अब बाजार में वैध नहीं हैं। लेकिन RBI की घोषणा के अनुसार, 8 अक्टूबर 2023 से 2000 के नोटों को सीधे भारतीय रिजर्व बैंक के 19 निर्गम कार्यालयों में जमा कराया जा सकता है। यह सुविधा अभी भी जारी है, लेकिन लोगों को इसकी सही जानकारी न होने या लंबी प्रक्रिया से बचने के लिए वे ऐसे 'अवैध' तरीकों का सहारा ले रहे हैं।

यह स्थिति लोगों को बड़ा वित्तीय नुकसान पहुंचा रही है और साफ दिखाता है कि अभी भी 2000 के नोटों को लेकर बाजार में किस तरह की भ्रम की स्थिति और अनैतिक लेनदेन चल रहा है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे किसी भी लालच में न आएं और केवल वैध माध्यम से ही अपने नोट बदलें।

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