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UP News: शादियां अक्सर मौज-मस्ती का समय होता है, मगर उत्तर प्रदेश के बिजनौर में जूते चुराई की प्रथा को लेकर इतना बड़ा बवाल हुआ कि पूरा मामला थाने तक पहुंच गया। जब लड़की वालों ने अपने नए रिश्तेदारों से पैसे मांगे तो उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद जो हुआ उससे शादी के हॉल में मौज-मस्ती झगड़े में बदल गई। सभी लोग एक दूसरे से टकरा गए और लड़ाई शुरू हो गई।

मोहम्मद साबिर देहरादून से ट्रेन द्वारा बिजनौर के गढ़मलपुर पहुंचे थे। हर चीज़ आनंद से शुरू होती है। शादी में उत्सव का माहौल था, बैंड बज रहा था, ढोल बज रहे थे, नृत्य और गाना बज रहा था। मगर विवाद की चिंगारी तब उठी जब शादी की रस्में शुरू हुईं और फिर दूल्हे के जूते चुराने की प्रथा शुरू हुई। लड़की वालों ने परंपरा के अनुसार अपने होने वाले जीजू/जमाई के जूते चुरा लिए और बदले में दूल्हे से 50,000 रुपये की मांग की। दूल्हा भी अड़ गया और बोला, "5 हजार रुपए लो या जूते रख लो।" इससे दोनों के बीच मौखिक विवाद उत्पन्न हो गया। बहस इतनी बढ़ गई कि जूते एक तरफ छोड़ दिए गए और लाठियां चलीं।

लड़की वालों के परिवार के कुछ सदस्यों ने दूल्हे को भिखारी कहा, जिससे वह बहुत नाराज हो गई। ये बहस झगड़े में बदल गई। लाठी-डंडे चलाए गए और दूल्हे व उसके रिश्तेदारों को एक कमरे में बंद कर दिया गया। इस घटना के बाद दूल्हे ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। इसमें युवक ने सारी घटना बताई। इस पोस्ट में एक ऐसे दूल्हे का जिक्र है जो जूता चोरी की प्रथा का शिकार है।

इस घटना के बाद दूल्हा नाराज हो गया और उसने अपनी दुल्हन को अपने साथ ले जाने से मना कर दिया। तभी दुल्हन के परिवार वालों ने गुंडों को बुलाकर दूल्हे को बंधक बना लिया। पति के पिता, दादा, भाई और चाची सभी को पीटा गया। घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और बंधकों को बाहर निकाला। पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोनों पक्षों के लोगों को थाने बुला लिया। वहां दोनों के बीच विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया। विवाद यह कहकर सुलझाया गया कि, "यह ख़त्म हो गया है, इसे भूल जाओ।"