
Up Kiran, Digital Desk: सावन मास, जिसे श्रावण मास भी कहा जाता है, भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र महीनों में से एक है। यह माह भगवान शिव और माता पार्वती की असीम कृपा प्राप्त करने का विशेष समय होता है। इस महीने में भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं, खासकर सावन के सोमवार (श्रावण सोमवार व्रत) का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस पवित्र माह में शिव जी की आराधना से अविवाहितों को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है और विवाहितों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
सावन 2025 कब से शुरू होगा?
ज्योतिषीय गणनाओं और पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की शुरुआत आमतौर पर जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में होती है और इसका समापन अगस्त के मध्य तक होता है। 2025 में श्रावण मास की शुरुआत और पहले सोमवार की सटीक तिथि जानने के लिए, भक्तों को पंचांग या स्थानीय धार्मिक कैलेंडर का संदर्भ लेना होगा, क्योंकि हिंदू कैलेंडर चंद्रमा की स्थिति पर आधारित होता है और तिथियां थोड़ी बदल सकती हैं।
सावन सोमवार व्रत का महत्व:
सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार का विशेष धार्मिक महत्व है। यह माना जाता है कि इन दिनों भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना के लिए, जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-शांति के लिए यह व्रत रखती हैं। शिव मंदिरों में इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, जहाँ वे शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और अन्य पवित्र वस्तुएं अर्पित करते हैं।
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