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Up Kiran, Digital Desk: हिमालय की बर्फीली चोटियों के बीच समुद्र तल से 15,000 फीट की ऊंचाई पर बसा हेमकुंड साहिब इन दिनों एक बार फिर आस्था के रंग में रंगा हुआ है। हर ओर सफेद बर्फ की चादर बिछी है, हवाएं सिहरन पैदा कर रही हैं, मगर श्रद्धालुओं का उत्साह इन विपरीत परिस्थितियों पर भारी पड़ रहा है।

25 मई को कपाट खुलने के बाद से लेकर अब तक महज कुछ ही दिनों में 30,000 से ज्यादा श्रद्धालु इस पवित्र गुरुद्वारे में मत्था टेक चुके हैं। जहां एक ओर तापमान शून्य के करीब है, वहीं दूसरी ओर श्रद्धा का तापमान चरम पर है।

बर्फबारी के बीच पवित्र सरोवर में डुबकी

पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी ने चमोली स्थित हेमकुंड साहिब क्षेत्र को लगभग तीन इंच बर्फ से ढक दिया है। ऐसे में कल्पना करना मुश्किल है कि कोई भी व्यक्ति इतनी ठंड में यात्रा कर पाएगा। मगर जब बात आस्था की होती है, तो शरीर की सीमाएं भी हार मान लेती हैं।

श्रद्धालु बर्फीली हवाओं के बीच पवित्र हिम सरोवर में डुबकी लगाकर गुरुद्वारे में मत्था टेक रहे हैं। यह नजारा किसी चमत्कार से कम नहीं लगता—सफेद बर्फ के बीच रंग-बिरंगे वस्त्रों में लिपटे श्रद्धालु, गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी और वाहेगुरु का नाम गूंजता हुआ वातावरण।

घने बादलों के बीच थोड़ी राहत

आज हेमकुंड साहिब क्षेत्र में आसमान में बादल छाए हुए हैं, मगर फिलहाल न तो बर्फबारी हो रही है और न ही बारिश। यह यात्रा कर रहे लोगों के लिए थोड़ी राहत की बात जरूर है, क्योंकि मौसम की बेरुख़ी यहां कब रंग बदल ले, कोई कह नहीं सकता।

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