
हर साल हजारों लोग फिल्मी दुनिया में अपने सपनों को साकार करने आते हैं, लेकिन कुछ ही होते हैं जो दर्शकों के दिलों में जगह बना पाते हैं। ऐसी ही एक नाम था सौंदर्या—एक ऐसी अभिनेत्री जिसने न केवल साउथ सिनेमा में बल्कि पूरे भारत में अपनी अलग पहचान बनाई। छोटी उम्र में फिल्मों में कदम रखने वाली सौंदर्या ने बहुत कम समय में अपने अभिनय, खूबसूरती और व्यक्तित्व से लाखों दिलों पर राज किया।
फिल्मी करियर की शुरुआत
सौंदर्या का असली नाम सौम्या सत्यनारायण था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1992 में कन्नड़ फिल्म ‘बा नन्ना प्रीतिसु’ से की थी। इसके बाद उन्होंने 1993 में तेलुगु फिल्म ‘मनवराली पेली’ से टॉलीवुड में कदम रखा। उसी साल तमिल फिल्म ‘पोन्नुमानी’ में उन्होंने शानदार अभिनय कर दर्शकों का ध्यान खींचा और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
साउथ की सुपरस्टार
‘हेलो ब्रदर’ जैसी हिट फिल्मों से सौंदर्या ने साउथ इंडस्ट्री में स्टारडम हासिल किया। उनके अभिनय की सबसे बड़ी खासियत थी भावनाओं को बेहद सहजता से व्यक्त करना। उन्होंने नागार्जुन, रजनीकांत, चिरंजीवी और वेंकटेश जैसे बड़े सितारों के साथ काम किया। वेंकटेश के साथ उनकी ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब पसंद किया। बहुत ही कम समय में वे हर बड़े निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद बन गईं।
बॉलीवुड में एक ही फिल्म और बनीं यादगार
1999 में सौंदर्या ने अमिताभ बच्चन के साथ ‘सूर्यवंशम’ में काम किया। यह उनकी एकमात्र हिंदी फिल्म थी, लेकिन इस एक फिल्म से ही उन्होंने हिंदी भाषी दर्शकों के दिल में खास जगह बना ली। आज भी ‘सूर्यवंशम’ टीवी पर सबसे ज्यादा प्रसारित होने वाली फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में उनकी भूमिका ने यह साबित कर दिया कि वह किसी भी भाषा में, किसी भी दर्शक वर्ग को अपने अभिनय से प्रभावित कर सकती हैं।
100 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
सिर्फ 12 साल के करियर में सौंदर्या ने 100 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में अपना जलवा दिखाया। ‘अम्मोरू’, ‘पवित्र बंधन’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में उनके अभिनय को खूब सराहा गया। उनके काम के लिए उन्हें फिल्मफेयर और नंदी अवॉर्ड जैसे कई सम्मान भी मिले।
राजनीति में भी रखा कदम
फिल्मी करियर की बुलंदियों को छूने के बाद सौंदर्या ने समाज सेवा की ओर रुख किया। साल 2004 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़कर राजनीति में कदम रखा। उन्होंने आंध्र प्रदेश में चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया और अपनी साफ-सुथरी छवि व लोगों से सीधे जुड़ने के अंदाज से राजनीति में भी लोकप्रियता हासिल की।
अचानक और रहस्यमयी मौत
17 अप्रैल 2004 का दिन साउथ सिनेमा और उनके चाहने वालों के लिए सदमे भरा साबित हुआ। उस दिन सौंदर्या एक चुनावी अभियान के लिए विमान से जा रही थीं। बेंगलुरु के जक्कुर हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में सौंदर्या और उनके भाई की जान चली गई। उस समय वह सिर्फ 31 साल की थीं।
मौत या हत्या? 21 साल बाद फिर उठे सवाल
घटना के समय खबरें आईं कि सौंदर्या गर्भवती थीं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि कभी नहीं हुई। उनकी शादी 2003 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रघुनाथ से हुई थी। अब, 21 साल बाद उनकी मौत को लेकर नई बहस छिड़ गई है। कुछ लोगों का दावा है कि यह महज एक दुर्घटना नहीं थी, बल्कि एक सुनियोजित साजिश के तहत हत्या की गई थी। सोशल मीडिया पर इस संबंध में चर्चाएं फिर से तेज हो गई हैं और कुछ रिपोर्ट्स में अभिनेता मोहन बाबू पर गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।
एक यादगार कलाकार की अधूरी कहानी
सौंदर्या भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्मों, उनके किरदारों और उनके अभिनय की छाप आज भी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में जिन्दा है। उनका सफर भले ही छोटा रहा हो, लेकिन उन्होंने अपनी कला से जो प्रभाव छोड़ा, वो बहुत गहरा है।