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Up Kiran, Digital Desk: हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (Rajiv Gandhi International Airport - RGIA) पर यात्रा करने वाले यात्रियों को अब एक बेहद ताज़गी भरा अनुभव मिल रहा है। जीएमआर समूह (GMR Group) द्वारा, जो हवाई अड्डे का संचालन करता है, एक नया 'थेरेपी डॉग प्रोग्राम' (Therapy Dog Program) शुरू किया गया है।  इस अभिनव पहल के तहत, यात्री दोस्ताना कुत्तों (friendly dogs) के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिता सकते हैं। इस कदम का उद्देश्य उनकी यात्रा के दौरान तनाव (stress) को कम करना और समग्र कल्याण (overall well-being) को बढ़ाना है।

खास प्रशिक्षित टॉय पूडल और उनके हैंडलर

इस कार्यक्रम के शुरुआती चरण में, चार विशेष रूप से प्रशिक्षित 'टॉय पूडल' (Toy Poodles) कुत्तों को शामिल किया गया है, जिनमें से प्रत्येक के साथ पेशेवर हैंडलर (professional handlers) भी मौजूद रहते हैं। टॉय पूडल अपनी शांत और स्नेही प्रकृति (calm and affectionate nature) के लिए जाने जाते हैं, जो उन्हें यात्रियों के साथ बातचीत के लिए आदर्श बनाते हैं। ये कुत्ते यात्रियों को सहज महसूस कराने और उनके यात्रा-संबंधी तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जिससे उनका हवाई अड्डे का अनुभव (airport experience) अधिक सुखद हो जाता है।

पायलट परियोजना और सकारात्मक प्रतिक्रिया

यह पहल वर्तमान में पायलट चरण (pilot phase) में है, और हवाई अड्डे के अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में यात्रियों की प्रतिक्रिया और लॉजिस्टिक विचारों के आधार पर इसका विस्तार किया जा सकता है।  इस कदम को लेकर प्रतिक्रिया वास्तव में बहुत अच्छी रही है और लोग हवाई अड्डे पर यात्रियों का स्वागत करने के इस विचार की सराहना कर रहे हैं। 

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया, "प्रतिक्रिया जबरदस्त सकारात्मक रही है। यात्रियों ने कुत्तों की शांत उपस्थिति की सराहना की है। इस पहल को हवाई अड्डे के अनुभव में एक विचारशील और आरामदायक जोड़ के रूप में अच्छी तरह से सराहा गया है।" यह दर्शाता है कि यह अनूठी पहल यात्रियों के मानसिक स्वास्थ्य (mental health) और भावनात्मक कल्याण (emotional well-being) पर सकारात्मक प्रभाव डाल रही है।

 ये कुत्ते अपने शांत व्यवहार के लिए जाने जाते हैं, फिर भी एक प्रशिक्षित हैंडलर टीम (trained handlers) हमेशा उनके साथ रहती है ताकि कभी-कभी उनके अप्रत्याशित व्यवहार को प्रबंधित किया जा सके। यह हवाई अड्डे पर कुत्तों और लोगों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

यात्रियों ने की पहल की सराहना इस बीच, यात्रियों ने इस पहल की सराहना की है, इसे विचारशील और दिल को छू लेने वाला बताया है। पीटीआई ने एक यात्री के हवाले से कहा, "मैं उन्हें देखकर बहुत खुश था। मुझे पहले से ही लग रहा है कि मैं ठीक हो रहा हूं। वास्तव में एक अद्भुत पहल। कृपया अद्भुत काम जारी रखें। और इस अविश्वसनीय प्रयास को वित्तपोषित करने और सुविधाजनक बनाने में मदद करने के लिए राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को विशेष धन्यवाद।" ये प्रतिक्रियाएं इस बात का प्रमाण हैं कि कैसे एक छोटी सी पहल भी यात्रा के अनुभव को बेहतर बना सकती है।

यात्रियों की इच्छा पर ही होती है बातचीत ये कुत्ते शुक्रवार से सोमवार तक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रस्थान क्षेत्रों (domestic and international departure zones) दोनों में प्रमुख स्थानों पर तैनात रहते हैं, और प्रत्येक दिन लगभग चार घंटे वहां बिताते हैं।  कुत्तों के साथ बातचीत तभी होती है जब यात्री स्वेच्छा से उनके साथ जुड़ने की इच्छा दिखाते हैं, जिससे सभी के लिए तनाव-मुक्त (stress-free) और आरामदायक वातावरण (comfortable environment) सुनिश्चित होता है। यह दृष्टिकोण उन यात्रियों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक अनुभव सुनिश्चित करता है जो कुत्तों से डरते हैं या बातचीत नहीं करना चाहते हैं। इस तरह की अभिनव सेवाएं भारतीय हवाई अड्डों (Indian airports) पर यात्री अनुभव को लगातार बढ़ा रही हैं।

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