
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों के खिलाफ सरकार ने व्यापक निष्कासन अभियान चला रखा है। 31 मार्च की तय समयसीमा खत्म होने के बाद अब पाकिस्तान ने सख्ती से इस अभियान को अंजाम देना शुरू कर दिया है। एक अप्रैल से लेकर अब तक 8 हजार से अधिक अफगान शरणार्थियों को उनके देश वापस भेजा जा चुका है।
तोरखम बॉर्डर से हो रहा है निष्कासन
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक कुल 8115 अफगान नागरिकों को पाकिस्तान से निकाला गया है, जिन्हें तोरखम सीमा चौकी के जरिए अफगानिस्तान भेजा गया। निष्कासित किए गए अधिकांश लोगों को पंजाब के विभिन्न इलाकों से पकड़ा गया था, जहां वे लंबे समय से अवैध रूप से रह रहे थे।
पंजाब बना अभियान का केंद्र
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में इस अभियान को सबसे ज्यादा सक्रियता से अंजाम दिया जा रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यहां रोजाना सैकड़ों अफगानी नागरिकों को गिरफ्तार किया जा रहा है। गिरफ्तार किए गए लोगों को पहले ट्रांजिट कैंपों में रखा जा रहा है, जहां उनकी पहचान और दस्तावेजों की जांच की जाती है। इसके बाद उन्हें सीमा पार भेजा जा रहा है।
इस कार्रवाई में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें विशेष ध्यान के साथ वापस भेजने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
हजारों की गिरफ्तारी, लाखों की पहचान
पंजाब सरकार ने जानकारी दी है कि उन्होंने अब तक 5,000 से अधिक अफगान नागरिकों को विभिन्न जिलों से गिरफ्तार किया है। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि पंजाब में करीब एक लाख अफगान नागरिक ऐसे हैं जो बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे हैं, और इन्हें जल्द ही देश से निष्कासित किया जाएगा।
सिंध में भी चल रही कार्रवाई
पंजाब के अलावा सिंध प्रांत से भी बड़ी संख्या में अफगान नागरिकों की गिरफ्तारी और निष्कासन की खबरें सामने आई हैं। कराची जैसे बड़े शहरों में रहने वाले अफगान शरणार्थियों को भी इस कार्रवाई के दायरे में लाया गया है।