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उत्तर प्रदेश की मऊ सीट से सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के विधायक अब्बास अंसारी को अदालत ने भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी पाया है। यह मामला वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान का है, जब अब्बास ने एक जनसभा में विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार बनने के बाद अधिकारियों से "पहले हिसाब लिया जाएगा, तब ट्रांसफर होंगे।"

उनके इस बयान को नफरत फैलाने वाला और प्रशासन को धमकी देने के रूप में देखा गया। इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद मऊ के कोतवाली थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने वीडियो फुटेज, गवाहों और रिकॉर्डेड भाषण को सबूत के रूप में पेश किया। अदालत ने सबूतों को पर्याप्त मानते हुए अब्बास अंसारी को दोषी करार दिया। हालांकि सजा का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन दोष सिद्ध हो जाने से अब्बास की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

अब्बास अंसारी पहले से ही कुछ अन्य मामलों में भी कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। वे माफिया डॉन और पूर्व सांसद मुख्तार अंसारी के बेटे हैं, जिन्हें भी कई आपराधिक मामलों में सजा मिल चुकी है।

इस फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे कानून के राज की जीत बताया है, जबकि सुभासपा की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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