एक ऐसे इंसान के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसने शुरुआत एक स्कूटर से की और अगले कुछ वर्षों में ही बिजनेस की दुनिया का बादशाह बन गया। 1980 से लेकर 2010 तक करीब 30 साल बिजनेस, राजनीति के मैदान, फिल्म इंडस्ट्रीज और खेल की दुनिया में खूब डंका बजा। इनसे मिलने के लिए नेताओं, उद्योग जगत और फिल्मी हस्तियों समेत तमाम वीआईपी लोगों की लाइन लगी रहती थी। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, अमर सिंह, अनिल अंबानी समेत तमाम दिग्गज उद्योग जगत की हस्तियों से खूब दोस्ती रही।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में इनका बिजनेस तेजी के साथ आगे बढ़ा। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ उनके करीबी रिश्ते जगजाहिर रहे। एक स्कूटर के साथ अपने सफर की शुरुआत करने वाले सुब्रत राय ने लाखों करोड़ों रुपये तक कंपनी खड़ी की। देश में ही नहीं बल्कि उन्होंने विदेशों तक अपना कारोबार बढ़ाया। देश से लेकर विदेशों तक सहारा समूह की कई करोड़ की प्रॉपर्टी मौजूद है।
रियल एस्टेट, एविएशन, फाइनेंस, मीडिया, एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी तक सहारा ग्रुप फैला। यहीं नहीं 11 सालों तक सहारा ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा। सुब्रत रॉय ने लखनऊ और नोएडा और मुंबई में हाइटेक ऑफिस खोले। हालांकि इन पर निवेशकों के पैसा न लौटाने के आरोप लगे। जिसके बाद इनका मार्केट तेजी से डाउन होने लगा। उसके बाद यह उभर नहीं पाए। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें सजा भी सुनाई।
जी हां हम बात कर रहे हैं सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत रॉय सहारा की। सुब्रत रॉय सहारा ने मंगलवार रात दुनिया को अलविदा कह दिया। सहारा इंडिया की तरफ से अभी तक जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक सुब्रत रॉय मेटास्टैटिक स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से जूझ रहे थे, इन तीनों समस्याओं के चलते उन्हें कई अन्य बीमारियों ने भी घेर लिया था।
14 नवंबर को रात 10:30 बजे कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट की वजह से उनका मुंबई में निधन हो गया। बताया जाता है कि उन्हें दो दिन पहले ही 12 नवंबर को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी।
सुब्रत रॉय ने साल 1978 में गोरखपुर से शुरू किया था अपना व्यवसाय--
सुब्रत रॉय सहारा की बात करें तो उनका जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया जिले में हुआ था। पूरे देश में 'सहाराश्री' के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय सहारा ने साल 1978 में गोरखपुर में व्यवसाय शुरू कर सहारा इंडिया परिवार की नींव रखी थी। सुब्रत रॉय को भारत के 10 सर्वाधिक अमीर लोगों में शामिल किया था। सहारा समूह मनोरंजन से लेकर मीडिया, रिटेल तक तमाम क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रॉय के नेतृत्व में, सहारा ने कई व्यवसायों में विस्तार किया।
रॉय का साम्राज्य फाइनेंस, रियल एस्टेट, मीडिया और हॉस्पिटैलिटी से लेकर अन्य सेक्टर्स में फैला हुआ था।1992 में हिंदी भाषा का समाचार पत्र राष्ट्रीय सहारा लॉन्च किया, 1990 के दशक के अंत में पुणे के पास महत्वाकांक्षी एम्बी वैली सिटी परियोजना शुरू की और सहारा टीवी के साथ टेलीविजन क्षेत्र में प्रवेश किया। 2000 के दशक में, सहारा ने लंदन के ग्रोसवेनर हाउस होटल और न्यूयॉर्क शहर के प्लाजा होटल जैसी प्रतिष्ठित संपत्तियों के अधिग्रहण के साथ अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं।
सुब्रत रॉय के दो बेटे शुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय हैं। 2004 में सुब्रत रॉय ने अपने दोनों बेटों की शादी लखनऊ के एक स्टेडियम में की थी जिस पर करीब 500 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस शादी में सियासी, ग्लैमर, खेल और कारोबारी जगत की हस्तियों ने शिरकत की थी। अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या रॉय, अनिल अंबानी और मुलायम सिंह जैसी हस्तियां इसमें शामिल हुई थीं। सहारा समूह ने एयरलाइंस कंपनी भी खोली थी, जिसके बेड़े में कई जहाज थे।
हालांकि यह कारोबार सुब्रत राय को रास नहीं आया, जिसके बाद उन्होंने अपने हाथ वापस खींच लिए। सेबी विवाद के बाद सहारा क्यू शाॅप नाम से कंज्यूमर प्रोडक्ट की रिटेल चेन की शुरुआत की, लेकिन यह काम भी जल्द बंद करना पड़ गया। हालांकि मुंबई में उनका सहारा स्टार होटल बनाने का फैसला सही साबित हुआ।
मुलायम सिंह यादव समेत तमाम बड़े नेताओं के साथ सुब्रत रॉय के अच्छे रिश्ते रहे--
सुब्रत रॉय का करीब तीन दशक का कारोबारी सफर सफलता की बुलंदियों को छूने वाला साबित हुआ। लखनऊ के सहारा शहर में राजनेताओं, फिल्म कलाकार और क्रिकेटर्स का लगने वाला जमावड़ा इसका गवाह बन चुका है। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव से उनके करीबी रिश्ते जगजाहिर थे तो भाजपा और कांग्रेस के तमाम बड़े नेता उनके मुरीद थे।
सुब्रत रॉय का जन्म भले ही बिहार में हुआ हो, लेकिन उन्होंने अपने कारोबार की शुरुआत गोरखपुर से की थी। शुरुआत में वह स्कूटर पर चला करते थे। वे अपने करीबी 13 दोस्तों को कभी नहीं भूले जिन्होंने उनके बुरे समय में साथ दिया। जब करोड़ों के मालिक बने तो उन्होंने सभी पुराने दोस्तों को अपने साथ जोड़ा और कंपनी में बड़ा ओहदा दिया। सहारा इंडिया के पतन की शुरुआत प्राइम सिटी के आईपीओ से हुई थी। इस धोखाधड़ी का पता चलने के बाद सेबी ने सहारा इंडिया के सेबी अकाउंट को फ्रीज कर दिया और केस दायर किया।
सुब्रत रॉय पर उनकी दो कंपनियों में नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप लगा था। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 28 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने को कहा था। तब से लेकर आज तक ये केस चल रहा है। इस केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुब्रत रॉय को दो साल तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ा। वह 2016 में पैरोल पर जेल से बाहर आए थे।
--Advertisement--