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Up Kiran, Digital Desk: भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनियों में से एक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। खबर है कि कंपनी अपनी रणनीतिक 'रियललाइनमेंट' (Strategic Realignment) के तहत लगभग 12,000 नौकरियों में कटौती करने की योजना बना रही है। यह खबर आईटी सेक्टर में एक बड़ी हलचल पैदा कर सकती है।

'रियललाइनमेंट' का क्या मतलब है?

'स्ट्रेटेजिक रियललाइनमेंट' का मतलब होता है कि कंपनी अपनी व्यापारिक प्राथमिकताओं, लक्ष्यों और काम करने के तरीकों को बदल रही है ताकि वह बदलती हुई मार्केट की ज़रूरतों और भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सके। यह अक्सर तब होता है जब कंपनियां नई तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करती हैं, पुराने प्रोजेक्ट्स को बंद करती हैं, या अपनी कार्यप्रणाली को ज़्यादा कुशल बनाना चाहती हैं।

छंटनी क्यों? TCS जैसी बड़ी कंपनी में इतनी बड़ी संख्या में नौकरियों में कटौती के पीछे कई कारण हो सकते हैं:

ऑटोमेशन और एआई: आज के दौर में ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जिससे कई रूटीन काम मशीनों द्वारा किए जा सकते हैं, जिससे मानवीय श्रम की ज़रूरत कम हो जाती है।

कुशलता बढ़ाना: कंपनी अपनी कार्यप्रणाली को ज़्यादा कुशल बनाना चाहती है, जिससे लागत कम हो और मुनाफा बढ़े।

नई तकनीकों पर जोर: TCS शायद क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा जैसी नई और उभरती तकनीकों पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसके लिए अलग तरह के कौशल की ज़रूरत होती है।

बाजार की मांग में बदलाव: ग्राहकों की मांग में बदलाव के कारण कुछ पुराने प्रोजेक्ट्स या टेक्नोलॉजी की ज़रूरत कम हो रही है।

कर्मचारियों पर असर यह खबर उन 12,000 कर्मचारियों के लिए चिंताजनक है जो इससे प्रभावित हो सकते हैं। आमतौर पर, ऐसी छंटनी में कंपनी उन कर्मचारियों को निकालने पर विचार करती है जिनकी भूमिकाएं अब कम प्रासंगिक हो गई हैं, या जिनकी परफॉर्मेंस उतनी अच्छी नहीं है। हालांकि, TCS जैसी कंपनियां अक्सर प्रभावित कर्मचारियों को री-स्किलिंग (नए कौशल सिखाने) का मौका भी देती हैं ताकि वे कंपनी के भीतर ही नई भूमिकाओं में फिट हो सकें।

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