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Up Kiran, Digital Desk: टेलीविज़न की दुनिया की सबसे पॉपुलर और ख़ूबसूरत एक्ट्रेस में से एक, अनीता हस्सनंदनी, जो 'काव्यांजलि' जैसे सुपरहिट शो से घर-घर में पहचानी जाती हैं, उन्होंने हाल ही में अपने बारे में कुछ बहुत ही दिलचस्प और दिल को छू लेने वाली बातें बताई हैं. उन्होंने बताया कि वह अपने गुस्से को कैसे संभालती हैं और रियलिटी शो 'छोरियां चलीं गांव' का अनुभव उनके लिए कैसा रहा.

गुस्सा आता है, पर मैं चिल्लाती नहीं"

हर इंसान का गुस्सा ज़ाहिर करने का अपना एक तरीका होता है. अनीता का तरीका बाकियों से बहुत अलग है. वह कहती हैं कि वह चीखने-चिल्लाने की बजाय, शांति से लेकिन मज़बूती से अपनी बात कहना पसंद करती हैं.

अनीता ने बताया, "मुझे गुस्सा आता है, लेकिन उसे दिखाने का मेरा तरीका बहुत मज़बूत और दृढ़ होता है. मैं चीखने की बजाय आमतौर पर अपनी बात समझाती हूँ. अगर मैं किसी ऐसे इंसान से लड़ती हूँ जिसे मैं बहुत प्यार करती हूँ, तो मैं रो देती हूँ और अपनी भावनाओं को व्यक्त करती हूँ. मैं चिल्लाती नहीं हूँ. मैं ऐसी ही हूँ."

जब रियलिटी शो में दिखी अनीता की emotional side

अनीता ने हाल ही में रियलिटी शो 'छोरियां चलीं गांव' में हिस्सा लिया और उसकी विजेता भी बनीं. इस शो में टीवी की एक्ट्रेस को भारत के एक गाँव में असल ग्रामीण परिस्थितियों में रहना था. अपने उस अनुभव के बारे में बात करते हुए अनीता ने कहा कि शो में उनका भावुक स्वभाव साफ़ तौर पर नज़र आया था.

वह कहती हैं, "अगर मेरा किसी से एक सच्चा रिश्ता बन जाता है, तो मैं अपनी सारी हंसी और सारे आंसू दिखाती हूँ. गाँव में भी, जब भी किसी को मदद की ज़रूरत होती थी या कोई परेशान होता था, तो मैं भावुक हो जाती थी. मैंने वहां जो रिश्ते बनाए, वे बहुत सच्चे थे, और मैं उसके लिए आभारी हूँ."

शो से मिली ज़िंदगी की सबसे बड़ी सीख

अनीता का मानना है कि यह शो उनके लिए सिर्फ एक गेम नहीं था, बल्कि एक खूबसूरत सफ़र था, जिसमें उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला. उन्होंने कहा, “यह उतार-चढ़ाव वाला एक खूबसूरत सफ़र था. मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत कुछ सीखने को मिला, जो मुझे मेरे बेटे आरव की परवरिश में भी मदद करेगा. शारीरिक चुनौतियां कठिन थीं, लेकिन अपना सौ प्रतिशत देने के बाद ट्रॉफी जीतना एक बहुत बड़ी ख़ुशी लेकर आया.”