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नई दिल्ली: 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को एनआईए ने 18 दिन की न्यायिक हिरासत में ले लिया है। प्रत्यर्पण के बाद भारत पहुंचने पर उसे दिल्ली स्थित एनआईए हेडक्वार्टर के ग्राउंड फ्लोर पर बने लॉकअप में रखा गया है, जहां उसकी पहली रात कड़ी निगरानी में बीती।

लॉकअप में सुरक्षा के कई स्तर

राणा को जिस सेल में रखा गया है, वह करीब 14x14 फीट आकार का है। सेल के भीतर एक बिस्तर और शौचालय की व्यवस्था है। पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और 24 घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। यह सेल मल्टी-लेयर डिजिटल सिक्योरिटी से लैस है, और इसके भीतर केवल अधिकृत 12 एनआईए अधिकारी ही प्रवेश कर सकते हैं। राणा को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं इसी सेल में उपलब्ध कराई जाएंगी।

कैमरे की निगरानी में पूछताछ, कई एजेंसियों ने भेजी रिक्वेस्ट

एनआईए हेडक्वार्टर में तहव्वुर राणा की गतिविधियों को सीमित रखा जाएगा और उससे पूछताछ पूरी तरह दो कैमरों की निगरानी में की जाएगी। पूछताछ के दौरान उसे आवश्यकतानुसार ब्रेक भी दिया जाएगा। अब तक 8 एजेंसियों ने राणा से पूछताछ की अनुमति मांगी है।

गृह मंत्रालय को रोजाना मिलेगी रिपोर्ट

राणा से पूछताछ की प्रक्रिया हर दिन सुबह 11 बजे के बाद शुरू होगी। पूछताछ से पहले एनआईए के डीजी के नेतृत्व में 12 अधिकारियों की टीम एक बैठक करेगी, जिसमें आगे की जांच की रणनीति तय की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट हर दिन गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। जांच की अगुवाई एनआईए की डीआईजी जया रॉय करेंगी।

पूछे जाएंगे यह अहम सवाल

राणा से शुरुआती दौर में कई महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जाएंगे, जैसे:

उसे फंडिंग कौन करता था?

उसका पाकिस्तान में हैंडलर कौन है?

स्लीपर सेल में कौन-कौन शामिल हैं?

भारत में किन लोगों को फंड दिया गया?

उसका व्यावसायिक नेटवर्क किन लोगों से जुड़ा था?

डेविड हेडली को भारत में किसने सहायता दी?

राणा द्वारा दी गई जानकारियां किन स्थानों से संबंधित थीं?

क्या साजिद मीर का भारत दौरा सिर्फ क्रिकेट देखने के लिए था या कोई अन्य मकसद भी था?

पाकिस्तानी सेना को दिए गए वीडियो के दौरान क्या राणा अकेला था?