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कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है, और यह डर जायज भी है। बीते कुछ वर्षों में कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कई बॉलीवुड हस्तियां भी इस गंभीर बीमारी से जूझ चुकी हैं। अभिनेत्री हिना खान इन दिनों कैंसर का इलाज करवा रही हैं, और अब अभिनेता आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप को एक बार फिर ब्रेस्ट कैंसर हुआ है। उन्हें 2018 में पहली बार कैंसर हुआ था, जिसके बाद उन्होंने इलाज करवाकर इसे मात दी थी। लेकिन सात साल बाद अब उन्हें दोबारा इसका सामना करना पड़ रहा है।

इस घटना के बाद कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या कैंसर पूरी तरह से ठीक होने के बाद फिर से हो सकता है? क्या ब्रेस्ट कैंसर का दोबारा होना आम है और इससे कैसे बचा जा सकता है?

कैंसर क्या होता है?

हमारा शरीर करोड़ों कोशिकाओं से बना होता है जो समय-समय पर विभाजित होती रहती हैं। जब यह विभाजन अनियंत्रित रूप से और असामान्य तरीके से होने लगता है, तो वह स्थिति कैंसर का रूप ले लेती है। महिलाओं में सबसे आम कैंसर में से एक है ब्रेस्ट कैंसर, जिसकी चार स्टेज होती हैं। स्टेज का निर्धारण ट्यूमर के आकार और उसके शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने की स्थिति पर होता है।

इलाज में सर्जरी, कीमोथैरेपी और रेडिएशन थैरेपी जैसे विकल्प अपनाए जाते हैं।

क्या ब्रेस्ट कैंसर दोबारा हो सकता है?

डॉ. गरिमा सिंह, वरिष्ठ रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट के अनुसार:

हां, ब्रेस्ट कैंसर दोबारा हो सकता है

TNBC (ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर) और इंफ्लामेटरी ब्रेस्ट कैंसर में इसकी संभावना अधिक होती है।

कम उम्र में कैंसर की पहचान और फैमिली हिस्ट्री वाले मामलों में दोबारा होने का खतरा ज्यादा रहता है।

यदि कैंसर केवल लोकल एरिया (ब्रेस्ट और चेस्ट वॉल) में दोबारा आता है तो इसका कंट्रोल बेहतर हो सकता है। ऐसे मामलों में 5 साल तक जीवित रहने की संभावना 50-60% होती है। लेकिन अगर यह कैंसर शरीर के दूसरे हिस्सों जैसे ब्रेन, लिवर या फेफड़ों में फैल जाए तो सर्वाइवल रेट 25-30% तक ही रह जाता है।

कब ज्यादा रहता है खतरा?

पहले 5 साल कैंसर के दोबारा होने का खतरा अधिक रहता है।

20 से 30 प्रतिशत मामलों में ब्रेस्ट कैंसर वापस लौट सकता है।

इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे:

कैंसर किस स्टेज पर था

मरीज की उम्र कितनी थी

हार्मोनल बदलाव

पारिवारिक इतिहास

दोबारा कैंसर से कैसे बचें? क्या करें?

ट्रीटमेंट के बाद नियमित फॉलो-अप जरूरी है।

ब्लड टेस्ट, साल में एक बार मेमोग्राफी, चेस्ट एक्स-रे, और एब्डोमिनल अल्ट्रासाउंड समय पर कराएं।

हाई रिस्क पेशेंट्स के लिए PET CT स्कैन करवाना फायदेमंद होता है।

दोबारा कैंसर लोकल, रीजनल या डिस्टेंट किसी भी स्थान पर हो सकता है।

एक ब्रेस्ट में कैंसर ठीक होने के बाद दूसरे ब्रेस्ट में नया कैंसर भी हो सकता है, जिसे एक नया केस माना जाता है।