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Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति पर कार्रवाई करते हुए, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। एजेंसी ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में एक कट्टर आतंकी मददगार की अचल संपत्ति को कुर्क कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के प्रावधानों के तहत की गई है।
NIA की यह कार्रवाई आतंकवाद को मिल रही फंडिंग और समर्थन के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
कौन है यह आतंकी मददगार?
जिस आतंकी मददगार पर यह कार्रवाई हुई है, उसकी पहचान शोपियां के मालदीरा गांव के रहने वाले तारिक अहमद मीर के रूप में हुई है। NIA के अधिकारियों और स्थानीय पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए उसके घर को औपचारिक रूप से कुर्क किया और परिसर पर नोटिस चिपका दिए।
NIA के सूत्रों ने कहा, "उसे क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों को सहायता प्रदान करने वाला एक सक्रिय सहयोगी पाया गया। सबूतों के आधार पर जब गैरकानूनी गतिविधियों में सहायता करने और उसे बढ़ावा देने में उसकी भूमिका स्थापित हो गई, तब संपत्ति कुर्क की गई। ऐसी संपत्तियों को आतंकवादियों को पनाह देने या उनके लॉजिस्टिक्स का समर्थन करने के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।"
आतंक के पूरे इकोसिस्टम पर हो रहा प्रहार
यह कार्रवाई उस संशोधित रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत सुरक्षा बल अब सिर्फ हथियारबंद आतंकवादियों को खत्म करने पर ही ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं, बल्कि आतंक के पूरे इकोसिस्टम को ही जड़ से उखाड़ने में लगे हैं।
NIA सूत्रों ने बताया, "यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद को बनाए रखने वाले वित्तीय और भौतिक नेटवर्क पर केंद्रीय एजेंसी द्वारा की जा रही व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है। पिछले एक साल में, NIA ने कथित ओवरग्राउंड वर्करों और उग्रवादी गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के आरोपी व्यक्तियों की दर्जनों संपत्तियों को कुर्क किया है।"
NIA और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जहां आतंकियों के वित्तीय चैनलों को उजागर करने और उन्हें ब्लॉक करने का काम कर रहे हैं, वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा बल आतंकवादियों, उनके ओवरग्राउंड वर्करों (OGWs) और सहानुभित रखने वालों के खिलाफ आक्रामक अभियान चला रहे हैं। सेना जहां 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा (LoC) की रखवाली करती है, वहीं सीमा सुरक्षा बल (BSF) 240 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) पर मुस्तैद है, ताकि आतंक की हर कमर तोड़ी जा सके।