Up Kiran, Digital Desk: टाटा मोटर्स ने वाणिज्यिक और पैसेंजर वाहन कारोबार को अलग-अलग कंपनियों में बांटकर एक नया अध्याय शुरू किया है। इस बदलाव का असर न सिर्फ कंपनी के शेयरधारकों पर पड़ेगा बल्कि इंडस्ट्री में भी नई रणनीतियों की उम्मीद बढ़ेगी। 1 अक्टूबर 2025 से यह बदलाव लागू हो चुका है और कंपनी ने 14 अक्टूबर को रिकॉर्ड तिथि घोषित की है ताकि पात्र शेयरधारकों की सूची बनाई जा सके।
शेयरधारकों के लिए खास जानकारी
टाटा मोटर्स ने साफ किया है कि जो भी शेयरधारक कंपनी में 14 अक्टूबर तक अपने शेयर रखते हैं, उन्हें उनके हर एक शेयर के बदले नई कंपनी टीएमएलसीवी (टाटा मोटर्स लिमिटेड कमर्शियल व्हीकल्स) के एक शेयर दिए जाएंगे। यह कदम वित्त वर्ष 2026 की शुरुआत में शेयरधारकों की मंजूरी के बाद उठाया गया है। इससे कंपनी की दोनों नई इकाइयों के बीच स्पष्टता और स्वतंत्रता बढ़ेगी।
शेयर बाजार पर क्या पड़ा असर?
नई व्यवस्था के तहत टाटा मोटर्स के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर लगभग 400 रुपये पर खुले, जो पिछले बंद भाव 660.75 रुपये से करीब 40% नीचे है। इसी तरह, बीएसई पर भी शेयर 399 रुपये से नीचे आ गए और लगभग 391.35 रुपये पर बंद हुए। इस गिरावट के पीछे कंपनी के विभाजन और पुनर्गठन की प्रक्रिया का प्रभाव माना जा रहा है।
नाम में भी हुआ बड़ा बदलाव
अब टाटा मोटर्स लिमिटेड अपने नाम को बदलकर टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड कर देगी। यह शाखा इलेक्ट्रिक वाहनों और जेएलआर जैसी ब्रांडों में निवेश जारी रखेगी। वहीं, वाणिज्यिक वाहनों की नई कंपनी टीएमएलसीवी का नाम बदलकर टाटा मोटर्स लिमिटेड रखा जाएगा।

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