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बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। हालिया विवाद की शुरुआत तेजस्वी यादव के उस बयान से हुई, जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार के बीजेपी में वापस जाने को लेकर तीखा तंज कसा।

तेजस्वी यादव ने एक जनसभा में कहा, “नीतीश कुमार को बीजेपी ने हाईजैक कर लिया, वो अब खुद नहीं बल्कि दूसरों के इशारों पर काम कर रहे हैं।” इस बयान पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा, “नीतीश कुमार को कोई हाईजैक नहीं कर सकता। असल में आरजेडी ने सत्ता का लालच दिखाकर नीतीश को फंसाया था।”

इस बयानबाज़ी ने एक बार फिर महागठबंधन की पुरानी दरारों को सामने ला दिया है। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को हमने फिर से मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन उन्होंने जनता का भरोसा तोड़ा।

इस पर विजय चौधरी ने तंज कसते हुए कहा, “नीतीश जी की छवि और लोकप्रियता ही उन्हें सत्ता में वापस लाती है। उन्हें किसी का मोहताज नहीं होना पड़ता।”

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये तकरार सिर्फ व्यक्तिगत बयान नहीं, बल्कि आने वाले 2025 बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा हो सकती है।

इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच जनता यह सोचने पर मजबूर है कि बिहार में सियासी स्थिरता कब आएगी।

फिलहाल नीतीश कुमार ने इस विवाद पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन यदि यह टकराव बढ़ता है तो इसका असर जेडीयू-बीजेपी गठबंधन पर भी पड़ सकता है।

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